पटनाः बिहार में जातीय गणना पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण पर अंतरिम रोक के खिलाफ याचिका दायर की है. इस पर राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन (RJD spokesperson Chittaranjan Gagan) ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार हर हाल में जातीय गणना कराने के लिए कृत संकल्पित है.
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"समावेशी विकास के लिए जातीय आधारित गणना आज समय की आवश्यकता है. जातीय आधारित और आर्थिक गणना सभी के हित में हैं. नीतियों के निर्धारण के लिए आवश्यक है. यह काफी दुखद है कि विकास को बाधित करने की मंशा से इस कार्य में व्यवधान पैदा किया जा रहा है"- चितरंजन गगन, प्रवक्ता, राजद
भाजपा नहीं चाहती कि जाति आधारित गणना होः राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नहीं चाहती कि जाति आधारित गणना हो. इसीलिए इसे बाधित करने के लिए वह पर्दा के पीछे से तरह तरह के हथकंडों का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि बिहार विधानसभा में उसने जातीय गणना का समर्थन किया था. पीएम से मिलने वाली सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में भी वह शामिल था. उन्होंने कहा कि राजद काफी दिनों से राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद के नेतृत्व सदन से सड़क तक इस मांग को उठाती रही है.
आवश्यकता हुई तो सरकार कानून भी बनाएगीः राजद प्रवक्ता ने उम्मीद जताई है कि उच्चतम न्यायालय इसकी महत्ता को समझते हुए जनगणना के बचे हुए कार्य को पूरा करने की अनुमति निश्चित रूप से देगा. उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो महागठबंधन सरकार कानून भी बनाएगी और जो भी आवश्यक वैधानिक कदम उठाने की आवश्यकता होगी, वह सरकार द्वारा उठाई जाएगी.