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Bihar Caste Census: बिहार सरकार हर हाल में जातिगत गणना कराने को प्रतिबद्ध : RJD - Stay Order Continue on Bihar Caste Census

बिहार में जाति आधारित गणना पर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गुरुवार को दिए गए आदेश के बाद राष्ट्रीय जनता दल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि राज्य सरकार हर हाल में जाति की गणना कराने को लेकर प्रतिबद्ध है.

Bihar Caste Census
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Published : May 18, 2023, 7:53 PM IST

पटना: बिहार में जाति आधारित जनगणना पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटाने से इंकार कर दिया. इसपर आरजेडी की ओर से प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बिहार में जातीय जनगणना होकर रहेगी. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में संकल्प लिया है कि बिहार में जाति आधारित गणना हर हाल में सरकार कराने के लिए प्रतिबद्ध है. ज्ञात हो राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के आलोक में सभी दलों के सहमति के बाद बिहार में जाति की गणना का काम शुरू हुआ था. 80 फ़ीसदी से अधिक गणना का काम लगभग पूरा होने के संकेत आ चुके थे. न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद जाति की गणना का कार्य अवरुद्ध हो गया है.

ये भी पढ़ें- Land For Job Scam Case: ED ने राबड़ी देवी से 6 घंटे तक किए सवाल-जवाब


मुट्ठी भर लोगों को सर्वांगीण विकास पसंद नहीं: उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है. जो भी विकल्प राज्य की सरकार को अपनाना पड़ेगा, अपनाएगी और जाति की गणना बिहार में कराकर ही दम लेगी. मुट्ठी भर लोग जिनको सर्वांगीण विकास, समावेशी विकास पसंद नहीं आता है, जाति गणना के रास्ते में अवरोध बनना चाह रहे हैं. किसी प्रकार की संस्था को समावेशी विकास के रास्ते में अवरोध नहीं बनना चाहिए.

जाति जनगणना कराने को सरकार प्रतिबद्ध: जाति की गणना होने के बाद राज्यों के पास एक साइंटिफिक डाटा उपलब्ध होगा. जिसके आधार पर समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा. गरीबी, लाचारी, अशिक्षा हर जाति हर धर्म में व्याप्त है. इसकी पड़ताल ही जाति आधारित गणना का उद्देश्य है. फिर भी कुछ लोग भयभीत क्यों? इससे घबराकर मुट्ठी भर लोग कई तरह के प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर देश के मूलभूत समस्या से ध्यान भटका कर हिंदू-मुस्लिम धार्मिक उन्माद का रास्ता अपनाना चाहते हैं. ताकि जो आमजन की समस्या है. इससे लोगों का ध्यान भटक सकें, पर याद रहे देश की एक-एक जनता महंगाई की मार, बेरोजगारी व देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था से आहत है.

देश संविधान से चलेगा मन की बात से नहीं: शक्ति सिंह यादव ने कहा कि देश काम की बातों से चलता है मन की बातों से नहीं. भारतीय जनता पार्टी मन की बात आमजन पर थोप कर संविधान, संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार प्रहार कर रही है. गैर बराबरी की खाईं और चौड़ी होती जा रही है. चंद मुट्ठी भर लोग चार लोगों को संपन्न करने की दिशा में देश की अर्थव्यवस्था को हवाले करते जा रहे हैं. देश संविधान से चलेगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी संविधान से अलग बंच ऑफ थॉट देश पर थोपना चाहती है. मनुस्मृति को लागू करना चाहती है.

''भारतीय जनता पार्टी को याद रखनी चाहिए भारत के लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं. भाजपा के अधिनायकवाद को 2024 में समाप्त करके ही देश की जनता दम लेगी. भारतीय जनता पार्टी जाति गणना की घोर विरोधी है. अभी तो कर्नाटक से बस शुरुआत हुई है. आगे-आगे देखिए और कई हार का सामना भारतीय जनता पार्टी को करना पड़ेगा और देश में एक बार फिर स्वस्थ लोकतंत्र बहाल होगी जो सर्वांगीण विकास के रास्ते को खोलेगा.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

पटना: बिहार में जाति आधारित जनगणना पर लगी रोक को सुप्रीम कोर्ट ने हटाने से इंकार कर दिया. इसपर आरजेडी की ओर से प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बिहार में जातीय जनगणना होकर रहेगी. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में संकल्प लिया है कि बिहार में जाति आधारित गणना हर हाल में सरकार कराने के लिए प्रतिबद्ध है. ज्ञात हो राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के आलोक में सभी दलों के सहमति के बाद बिहार में जाति की गणना का काम शुरू हुआ था. 80 फ़ीसदी से अधिक गणना का काम लगभग पूरा होने के संकेत आ चुके थे. न्यायालय के अंतरिम आदेश के बाद जाति की गणना का कार्य अवरुद्ध हो गया है.

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मुट्ठी भर लोगों को सर्वांगीण विकास पसंद नहीं: उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है. जो भी विकल्प राज्य की सरकार को अपनाना पड़ेगा, अपनाएगी और जाति की गणना बिहार में कराकर ही दम लेगी. मुट्ठी भर लोग जिनको सर्वांगीण विकास, समावेशी विकास पसंद नहीं आता है, जाति गणना के रास्ते में अवरोध बनना चाह रहे हैं. किसी प्रकार की संस्था को समावेशी विकास के रास्ते में अवरोध नहीं बनना चाहिए.

जाति जनगणना कराने को सरकार प्रतिबद्ध: जाति की गणना होने के बाद राज्यों के पास एक साइंटिफिक डाटा उपलब्ध होगा. जिसके आधार पर समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा. गरीबी, लाचारी, अशिक्षा हर जाति हर धर्म में व्याप्त है. इसकी पड़ताल ही जाति आधारित गणना का उद्देश्य है. फिर भी कुछ लोग भयभीत क्यों? इससे घबराकर मुट्ठी भर लोग कई तरह के प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर देश के मूलभूत समस्या से ध्यान भटका कर हिंदू-मुस्लिम धार्मिक उन्माद का रास्ता अपनाना चाहते हैं. ताकि जो आमजन की समस्या है. इससे लोगों का ध्यान भटक सकें, पर याद रहे देश की एक-एक जनता महंगाई की मार, बेरोजगारी व देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था से आहत है.

देश संविधान से चलेगा मन की बात से नहीं: शक्ति सिंह यादव ने कहा कि देश काम की बातों से चलता है मन की बातों से नहीं. भारतीय जनता पार्टी मन की बात आमजन पर थोप कर संविधान, संवैधानिक संस्थाओं पर लगातार प्रहार कर रही है. गैर बराबरी की खाईं और चौड़ी होती जा रही है. चंद मुट्ठी भर लोग चार लोगों को संपन्न करने की दिशा में देश की अर्थव्यवस्था को हवाले करते जा रहे हैं. देश संविधान से चलेगा लेकिन भारतीय जनता पार्टी संविधान से अलग बंच ऑफ थॉट देश पर थोपना चाहती है. मनुस्मृति को लागू करना चाहती है.

''भारतीय जनता पार्टी को याद रखनी चाहिए भारत के लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत हैं. भाजपा के अधिनायकवाद को 2024 में समाप्त करके ही देश की जनता दम लेगी. भारतीय जनता पार्टी जाति गणना की घोर विरोधी है. अभी तो कर्नाटक से बस शुरुआत हुई है. आगे-आगे देखिए और कई हार का सामना भारतीय जनता पार्टी को करना पड़ेगा और देश में एक बार फिर स्वस्थ लोकतंत्र बहाल होगी जो सर्वांगीण विकास के रास्ते को खोलेगा.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी

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