पटना: केंद्र सरकार ने सीएए और एनआरसी के बाद नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है. एनपीआर में देश के सभी नागरिकों को अपना नाम दर्ज करवाना अनिवार्य है. ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी पर देश को बांटने वाली नीतियां अपनाने का आरोप लगाया है. हालांकि एनपीआर को लेकर अब तक विपक्ष ने रुख साफ नहीं किया है.
'वोट बैंक बढ़ाने के लिए रच रहे साजिश'
पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए देश को बांटने का साजिश रच रही है. राजद नेता ने कहा कि बीजेपी तमाम ऐसी नीतियां और कानून ला रही है. जिनसे देश के लोगों को आपस में बांटने का काम होगा. चाहे सीएए हो या एनआरसी और अब पॉपुलेशन रजिस्टर के जरिए भी बीजेपी नेता ऐसी कोशिश कर रहे हैं.
एनपीआर पर कुछ भी कहने से किया इंकार
आलोक मेहता ने इन तमाम मुद्दों को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. हालांकि उन्होंने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को लेकर कुछ भी कहने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्टी इस मामले में अपना रुख साफ करेगी. बता दें कि एनपीआर को लेकर विपक्ष ने अब तक अपना रुख साफ नहीं किया है. अब देखना है कि सीएए और एनआरसी पर कड़े विरोध के बाद एनपीआर को लेकर विपक्ष का क्या रुख रहता है.