पटना: बिहार विधान मंडल के बजट सत्र (Bihar Budget 2022) की शुरुआत शुक्रवार से हो गई है. पहले दिन राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan Addressed Both The Houses ) के अभिभाषण के साथ दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हुई. विधान परिषद के 200वें सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण की प्रति रखी गई और उसके बाद नगर पालिका संशोधन अध्यादेश और आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 सदन की मेज पर रखा गया. शोक प्रस्ताव के साथ सोमवार तक के लिए सदन (Bihar Assembly Budget Session 2022) स्थगित हुआ.
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वहीं विपक्ष ने सरकार को चेतावनी दी है कि जनता से जुड़े बड़े मुद्दों को लेकर वह पूरे सत्र में सरकार से जवाब मांगेंगे. विपक्ष ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है. राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह (RJD MLC Sunil Kumar Singh On 19 Lakh Rojgar Promise) ने कहा कि, जातीय जनगणना और बिहार में बढ़ते भ्रष्टाचार के साथ किसानों को खाद नहीं मिलने का मुद्दा बजट सत्र में महत्वपूर्ण है. इन सब मुद्दों को लेकर हम सरकार से सवाल पूछेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से बिहार में जो गंगा उद्भव योजना शुरू की गई है वह भ्रष्टाचार का एक बड़ा अड्डा बनने वाला है.
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"बिहार में सबसे बड़ा मुद्दा जातीय जनगणना, शिक्षा और बेरोजगारी है. 19 लाख लोगों को रोजगार देने का सरकार ने वादा किया था. उसमें से 19 हजार को भी रोजगार दे पाए कि नहीं यह महत्वपूर्ण विषय है. जो किसान हैं उन्हें ब्लैक में खाद खरीदना पड़ा है. सभी लोग बदहाल हैं.चारों ओर भ्रष्टाचार व्याप्त है. विवेचना कीजिए कि 38 जिलों में से 37 जिले में कितना रोजगार मिला और नालंदा को कितना मिला है."- सुनील कुमार सिंह, राजद एमएलसी
बता दें कि, वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 28 फरवरी को (bihar budget will come on monday) पेश होगा. बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद शुरू होगा. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार अपना उत्तर देगी. 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय पर सामान्य विमर्श होगा. 3 मार्च को ही 2021-22 का तृतीय अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा.
4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर होगा. 7 मार्च को तृतीय अनुपूरक बजट पर सरकार का उत्तर होगा. 8 से 25 मार्च तक वित्तीय वर्ष 2022-23 के अनुदानों की मांग पर वाद विवाद और मतदान होगा. 28 मार्च को राजकीय विधेयक, 29 को गैर सरकारी संकल्प जबकि 30 मार्च को राजकीय विधेयक और 31 मार्च को अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य पूरे होंगे.
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