पटना: आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह (RJD MLA Sudhakar Singh) ने उपेंद्र कुशवाहा को याद दिलाया कि किस तरह से नीतीश कुमार ने उनका अपमान किया था. उनका सरकारी आवास खाली कराया और फिर पार्टी से निकलने पर मजबूर कर दिया. सुधाकर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'मुझे ठीक ठीक याद है कि आपने 9 दिसम्बर 2011 को नीतीश कुमार को तानाशाह और अलोकतांत्रिक बताते हुए जनता दल यूनाइटेड से इस्तीफा दे दिया था. उस समय मुझे भी आपके इस वक्तव्य पर आश्चर्य हुआ था मगर आज आपकी दूरदर्शिता पर गर्व महसूस होता है. 2018-2019 में आपने नीतीश कुमार के कार्यकाल को बिहार का सबसे खराब दौर कहा था, जिस दौरान बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा चुकी है. उस दौरान आपकी नजर में नीतीश कुमार सरकार चलाने के लायक नहीं थे. इन सटीक विश्लेषणों के लिए मेरा साधुवाद स्वीकार कीजिए.'
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सुधाकर सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा पर हमला बोला: सुधाकर सिंह ने आगे लिखा, 'मैंने अपने राजनैतिक जीवन काल का सबसे खौफनाक मंजर रविवार 15 मार्च 2009 को देखा था, जब आपके सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारी संख्या में पुलिस बल भेजकर आपकी गैर मौजूदगी में आपकी वृद्ध माता जी, धर्मपत्नी समेत घर के तमाम सदस्यों को राजनीतिक सुचिता अथवा मर्यादा का खयाल किए बगैर जबरन बाहर निकालकर सरकारी आवास खाली करवाया था. हम लोग आज भी आपके साथ हुए दुर्व्यवहार को याद करके शर्मिंदगी महसूस करते हैं. चार वर्ष पहले आपके द्वारा आयोजित की गई नीतीश हटाओ भविष्य बचाओ पदयात्रा आज भी हमारे जैसे साधारण कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणाश्रोत है और हमें पूरी उम्मीद है कि नीतीश कुमार को हटाने के लिए जो नींव आपने चार वर्ष पहले रखी थी, वह जल्द पूरी होगी.'
जेडीयू ने सुधाकर सिंह पर कार्रवाई की मांग की: बता दें कि बिहार में महागठबंधन सरकार के पांच महीने पूरे होने वाले हैं, लेकिन पहली बड़ी दरार सोमवार को तब सामने आई जब जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राजद के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से अपने विधायक को नियंत्रित करने के लिए कहा. कुशवाहा ने उन्हें लालू प्रसाद-राबड़ी देवी सरकारों के दौर को याद करने के लिए भी कहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे व्यक्ति ने सत्ता में आने के बाद स्थिति को कैसे भुनाया. उन्होंने तेजस्वी यादव से अपने विधायक सुधाकर सिंह को नियंत्रित करने के लिए भी कहा, नहीं तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा.
'सुधाकर जैसे विधायकों को रोकें तेजस्वी': कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद से ही सुधाकर सिंह नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. उन्होंने हाल ही में नीतीश कुमार की तुलना महाभारत की 'शिखंदी' से की, जिसने जेडीयू नेताओं के बीच नाराजगी पैदा कर दी. उन्होंने कहा, "तेजस्वी यादव जी, कृपया अपने एक विधायक के बयान को ध्यान से सुनें और बयान देते समय उसे मर्यादा के महत्व के बारे में बताएं. वह 'शिकंदी' शब्द का उपयोग उस व्यक्ति के लिए कर रहा है जिसने मर्दानगी दिखाई और खौफनाक से उबारने में कामयाब रहा. स्थिति ऐसे समय में है जब कोई भी उनके (लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) खिलाफ कुछ भी बोलने की हिम्मत नहीं कर रहा है."
कुशवाहा ने तेजस्वी को याद दिलाया RJD का जंगलराज: नीतीश कुमार के बेहद करीबी जेडीयू नेता ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में 'जंगलराज' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन फिर भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुले तौर पर कड़ा बयान दिया. कुशवाहा ने कहा, "सुधाकर सिंह के बयान से करोड़ों जेडीयू समर्थक आहत हुए हैं, जो समता पार्टी के गठन से नीतीश कुमार से जुड़े हैं, जो बाद में जेडीयू में बदल गई. आपको (तेजस्वी यादव) सुधाकर सिंह को सूचित करना चाहिए कि नीतीश कुमार को बिहार को भयावह स्थिति से बाहर निकालने के लिए याद किया जाएगा."
'इस तरह का बयान देना बंद करना ही बेहतर होगा': "जनता के आशीर्वाद से नीतीश कुमार ने सबसे ज्यादा बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया है और इतने बड़े नेताओं के लिए अगर कोई नाइट गार्ड कह रहा है तो यह वास्तव में बिहार की जनता का अपमान है. आपके (तेजस्वी यादव) और गठबंधन के लिए इस तरह का बयान देना बंद करना ही बेहतर होगा."
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