पटना: लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद आरजेडी में घमासान शुरू हो गया है. मुजफ्फरपुर के गाय घाट से राजद के विधायक महेश्वर यादव ने तेजस्वी यादव से इस्तीफा देने की मांग की है. साथ ही, ये भी कहा कि किसी अन्य जाति के लोगों को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी सौंपे. उन्होंने कहा कि हम राजद में परिवारवाद का विरोध करते हैं.
विधायक ने की नीतीश की तारीफ
विधायक ने कहा कि जब लालू प्रसाद ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया, हमने तब भी इसका विरोध किया था. उस वक्त भी मेरी एक भी नहीं सुनी गई और मेरे विरोध को गलत ढंग से पेश किया गया. नतीजा ये हुआ कि पार्टी धीरे-धीरे सिमटती चली गई. आरजेडी विधानसभा में 22 विधायक और लोकसभा में 4 सांसद की पार्टी बनकर रह गई. विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार के साथ जाने पर पार्टी की स्थिति सुधरी और 2015 में पार्टी का पुनर्जन्म हुआ.
'लालू ने परिवारवाद को आगे बढ़ाया'
लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए आरजेडी विधायक ने कहा कि नीतीश कुमार से समझौते के बाद भी लालू यादव ने परिवारवाद की राजनीति को आगे बढ़ाया और अपने बेटे को उपमुख्यमंत्री बना दिया. अपने दूसरे बेटे को पार्टी में दूसरे नंबर पर रखा. अन्य सदस्यों की अनदेखी की गई.
पार्टी के कई विधायकों के साथ होने का दावा
महेश्वर यादव ने कहा कि अगर तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे, तो पार्टी में बड़ी फूट होगी. उन्होंने यह नहीं बताया कि उनके साथ कितने विधायक हैं. उन्होंने दावा किया कि दर्जनों विधायक हमारे साथ हैं और बहुत जल्द हम फैसला ले सकते हैं.
2019 में बेहद खराब रहा आरजेडी का प्रदर्शन
बता दें कि लोकसभा चुनाव में राजद का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. महागठबंधन को 40 में से 39 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस को किशनगंज से केवल एक सीट पर जीत मिली. बीजेपी ने बिहार में अपने हिस्से की सभी 17 सीटों पर कब्जा किया. जनता दल यूनाइटेड को 16 और लोजपा को 6 सीट मिलीं.