पटना: अपने राजनीतिक बयान और कार्यक्रम को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD Supremo Lalu Prasad Yadav) के बड़े लाल और विधायक तेज प्रताप यादव (Lalu Prasad Elder Son Tej Pratap Yadav) एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने अपने जनशक्ति परिषद की सदस्यता अभियान (Janshakti Parishad Membership Campaign) की घोषणा की है. एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में राजद अपने सदस्यता अभियान (RJD Membership Campaign) पर जोर दे रहा है. वहीं उसी समय पर तेज प्रताप द्वारा अपने जनशक्ति परिषद अभियान की सदस्यता पर जोर दिया जा रहा है.
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तेज प्रताप ने की नौजवानों से यह अपील: राजनीतिक हलकों में इसे केवल टाइमिंग के रूप में ही नहीं देखा जा रहा है बल्कि इसे तेजप्रताप की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि इससे पार्टी के लिए न चाहने वाले हालात भी उत्पन्न हो रहे हैं. राजधानी के रुकनपुरा में खुद सदस्यता अभियान को संबोधित करते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा कि हमने इस सदस्यता अभियान को चलाने का संकल्प लिया है. जितने नौजवान हैं वह सदस्यता अभियान की सफलता के लिए काम करेंगे. वहीं जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप टेलीफोन पर हुई बातचीत में कहते हैं कि हमारे लिए टाइमिंग कोई बहुत बड़ी बात नहीं है. हमारा अभियान तो पहले से ही चलता रहा है. रुकनपुरा के प्रोग्राम में तो तेज प्रताप यादव ने खुद अपने हाथों से सदस्यता अभियान की पर्ची को अपने समर्थकों के बीच में बांटा.
"जनशक्ति परिषद के इस कार्यक्रम में सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. पटना की जनता को जो इस कार्यक्रम में मौजूद है मैं उन्हें प्रणाम करता हूं. इस अभियान को पूरे बिहार में चलाने का बीड़ा उठाया है." तेज प्रताप यादव, राजद विधायक
राजद से कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं: तेज प्रताप की टाइमिंग वाले सदस्यता अभियान पर राजद की तरफ से कोई भी वरीय पार्टी पदाधिकारी बोलने को तैयार नहीं है. ये बात जरूर है कि ऑफबीट बातचीत में यह अधिकारी जनशक्ति परिषद का सदस्य बनाने की इस बात को जरूर स्वीकार करते हैं कि यह टाइमिंग एक इत्तेफाक हो सकता है लेकिन इससे कहीं न कहीं दुविधा के हालात तो उत्पन्न होंगे ही. जब पार्टी को ही आगे बढ़ाने की बात की जा रही है या लालू प्रसाद के विचारों को आगे बढ़ाने की बात हो तो राजद के सदस्यता अभियान पर भी जोर देने की बात कही जा सकती है.
यह कोई पहला मौका नहीं: दरअसल तेज प्रताप के बयानों से पार्टी असहज हो यह कोई पहला मौका नहीं है. इसके पहले कई बार तेज प्रताप के बयानों और उनके द्वारा उठाए गए कदमों से पार्टी को असहजता महसूस हुई है.।बात चाहे 2019 की हो या अभी की. उनके बयान से पार्टी की परेशानी बढ़ जाती है. 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से उनकी बड़ी बहन मीसा भारती चुनाव लड़ेंगी. हाल के दिनों में देखें तो इफ्तार पार्टी के दौरान उनकी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने तेज प्रताप पर मारपीट करने का आरोप लगाया था जिस पर काफी राजनीतिक बयानबाजी हुई थी. इसी प्रकार हाल ही में बिहार में संपन्न हुए विधान परिषद चुनाव में पश्चिम चंपारण से राजद उम्मीदवार इंजीनियर सौरभ कुमार के ऊपर भी आरोप लगाया था जो कि काफी चर्चित रहा था.
'राजद प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी': इस पूरे प्रकरण पर चुटकी लेते हुए जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा कहते हैं ,प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी की तरह चलने वाली पारिवारिक पार्टी राजद में हिस्सेदारी को लेकर दोनों भाइयों के बीच जंग हमेशा देखने को मिलती है. परिवार के सदस्यों के बीच में ही एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ मची रहती है. इसके कई उदाहरण भी हम लोगों ने देखे हैं.
"हालिया उदाहरण यह है कि एक तरफ राजद का सदस्यता अभियान है वहीं दूसरी तरफ तेजप्रताप के संगठन द्वारा एक ही समय पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. तेज प्रताप, तेजस्वी यादव को चैलेंज कर रहे हैं कि हमें भी कम आंकने की भूल न की जाए. इस परिवारिक मेलोड्रामा में एक से एक एपिसोड देखने को मिलेंगे. आगे आने वाले समय में दोनों भाइयों के बीच इसी तरह प्रतिस्पर्धा होगी और इनका कुनबा बिखर जाएगा."- अभिषेक झा, जदयू प्रवक्ता
'तेज प्रताप मनोरंजन का साधन': वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ओमप्रकाश कहते हैं कि तेज प्रताप के बारे में अगर सही कहा जाए तो वह अपनी पार्टी में मनोरंजन का एक साधन बन गए हैं. उनका हर काम अलबेला होता है. कभी साधु बनते हैं, तो कभी गाय पालते हैं, कभी बिजनेस की बात करते हैं, तो कभी घोर राजनीतिक अंदाज में दिखते हैं. कई बार पार्टी लाइन से अलग हटकर बात करने लगते हैं. दरअसल उनके पास एक छात्र विंग है उसके बैनर के सहारे सब कर रहे हैं.
"कभी राजद के ही उम्मीदवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारने की बात करते हैं. उनका छात्र विंग है और अपने छात्र विंग के साथ वह इतनी चीजें करते हैं. यह सभी जानते हैं कि पार्टी में जिस जगदानंद सिंह को लालू प्रसाद शुरू से अभी तक अहमियत देते आए हैं, उनके खिलाफ भी तेज प्रताप बोलते हैं. अपने भाई तेजस्वी के खिलाफ भी बोल जाते हैं. कहते हैं कि तेजस्वी को उनके सलाहकार संजय यादव गुमराह कर रहे हैं. मां से नाराज हो जाते हैं. एक बात साफ है तेज प्रताप से कोई नुकसान राजद को नहीं होने वाला है."- ओमप्रकाश, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक
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