पटना: पूर्वोत्तर में हुए राजनीतिक भूचाल ने प्रदेश की सियासी जमीन को हिलाकर रख दिया है. जदयू को अपने ही साथी से मिले झटके के बाद आरजेडी लगातार हमलावर बनी हुई है. वहीं, पूर्वोत्तर में आए इस सियासी भूचाल के बाद प्रदेश में विपक्ष पूरजोड़ तरीके से सियासी संकट खड़ा करने में जुट गया है. सूबे में बदलते सियासी समीकरणों पर बीजेपी ने भी मोर्चा संभाल लिया है. प्रदेश में खड़े हुए इस सियासी संकट को थामने के लिए एक बार फिर सुशील मोदी आगे आए.
राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले सुशील मोदी ने एक तरफ जहां जदयू और नीतीश कुमार को tweet के जरिए दोस्ती का पैगाम याद दिलाया. वहीं, दूसरी ओर छात्र राजनीति के दौर के जमाने से साथी और सियासत में धुड़विरोधी लालू यादव पर तीखा प्रहार किया.
राजद के बयानों का जबाव देने के लिए एक बार फिर से सुशील मोदी ने twitter पर मोर्चा संभाला. पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपने पुराने दोस्त लालू यादव और उनकी पार्टी पर तंज कसा. मोदी ने tweet कर लिखा था, 'सता के बिना जिनकी छाती फट रही है, वो तबादले में भी सियासत देख रहे हैं'. जिस पर अब आरजेडी प्रवक्ता का बयान आया है.
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बिहार में भाजपा और जदयू के बीच लगभग दो दशक पुरानी दोस्ती से जलने वाले तत्वों की वजह से हमारे बीच एक बुरा दौर आया और गुजर गया। हमें जनता ने जब फिर सेवा का मौका दिया,तो विपक्ष की छाती फटने लगी।
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— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 2, 2021
सजायाफ्ता लालू प्रसाद रांची रिम्स के पेइंग वार्ड से जेल नियमों का उल्लंघन कर मोबाइल.... pic.twitter.com/wzxx96qZR4बिहार में भाजपा और जदयू के बीच लगभग दो दशक पुरानी दोस्ती से जलने वाले तत्वों की वजह से हमारे बीच एक बुरा दौर आया और गुजर गया। हमें जनता ने जब फिर सेवा का मौका दिया,तो विपक्ष की छाती फटने लगी।
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'जिसने सहयोगी के दल को तोड़ा हो, वे हमें नसीहत न दें'
सुशील मोदी के tweet के बाद राजद के तरफ से मोर्चा संभालते हुए मृत्युंजय तिवारी ने कहा,'अरुणाचल प्रदेश में जिस तरह से बीजेपी ने अपने सहयोगी दल जदयू के ही 6 विधायकों को तोड़ लिया हो, उस दल के नेता दूसरों को नसीहत देने में क्यों लगे हैं. पहले वह अपने घर को ही संभाले तो बेहतर होगा. कहीं, आपसी अंतर कलह की वजह से बिहार में एनडीए की सरकार ना गिर जाए.
पूर्वोत्तर में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद राजद जेडीयू के खिलाफ नरम रवैया अख्तियार किए हुए है. राजद प्रवक्ता ने कहा कि जेडीयू के नेता लगातार अपनी पीड़ा व्यक्त करने में लगे हुए हैं. वहीं, राजद प्रवक्ता ने कहा कि जोड़-तोड़ की राजनीति जेडीयू और बीजेपी के नेता ही करते हैं. चुनाव से पहले जदयू ने राजद के पांच एमएलसी को तोड़ा था. लेकिन जेडीयू नेता अपनी बात भूल गए.