पटना: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध (Agnipath Scheme protest in Bihar) में बिहार में उबाल देखा जा रहा है. जगह जगह युवा प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों पर ट्रेनों में आग लगा दी गई. स्टेशनों पर लूटपाट हुई. सड़कों पर भी यही हाल देखने को मिला. इनसबके बीच इसपर सियासत भी जारी है. बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर सरकार की इस योजना पर निशाना साधकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये एक तरह से शिक्षित युवाओं के लिए नरेगा (NAREGA) स्कीम लागू की गई है.
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'2022 तक 80 करोड़ को नौकरी-रोजगार देने का इनका “संकल्प” था. अब वर्षों बाद अग्निपथ संविदा नहीं बल्कि शिक्षित युवाओं के लिए सेना में एक तरह से NAREGA स्कीम लागू की गई है. इनके वादों, जुमलों और इरादों को तो छोड़िए, जब प्रचंड बहुमत की सरकार के “संकल्प” का यह हश्र है तो बाकी का क्या?'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा
वहीं- आरजेडी चीफ लालू यादव (Lalu prasad on Agniveer Protest) ने युवाओं को मोदी सरकार से सतर्क रहने की नसीहत दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा की देश में हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा करके सरकार में आने वाली मोदी सरकार 8 साल में 16 करोड़ नौकरियां दे रही थी, वहीं बिहार में 19 लाख नौकरियों की अपार जुमलेबाज सफलता के बाद बचे खुचे 10 लाख बेरोजगारों को पकड़ पकड़ कर नौकरियां देने की एक और जुमलेदार स्कीम लॉन्च की है. इसलिए नौकरी के प्रति सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है.
'देश में 2 करोड़ प्रतिवर्ष यानि 8वर्ष में 8X2=16 करोड़)नौकरियाँ एवं बिहार में अलग से 19लाख नौकरियाँ देने की अपार जुमलेबाज सफलता के बाद भाजपा सरकार ने बचे-खुचे 10 लाख बेरोजगारों को पकड़-पकड़ कर नौकरियाँ देने की एक और जुमलेदार स्कीम लॉंच की है. नौकरी के प्रति सतर्क व सावधान रहियेगा'- लालू प्रसाद, आरजेडी सुप्रीमो
इधर मीसा भारती ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है कि केंद्र सराकर ने दोयम दर्जे के सैनिक और पूर्व सैनिक बनाने की भी कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए वर्गों को चिह्नित कर दोयम दर्जे के नागरिक बनाने के बाद ये काम शुरू किया है.
'वर्गों को चिन्हित कर दोयम दर्जे का नागरिक बनाने के बाद अब सरकार ने दोयम दर्जे के सैनिक और पूर्व सैनिक बनाने की भी कवायद शुरू कर दी है'- मीसा भारती, सांसद, राज्यसभा
'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.
क्या है 'अग्निपथ' योजना : केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.
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