पटनाः गया जिले में चार लोगों की हत्या और नक्सलियों के पर्चा चिपकाने की घटना (Naxali Attack in Gaya) को लेकर बिहार में सियासत चरम पर है. विपक्ष ने इस घटना पर चिंता जताई है और सरकार से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है. राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने नक्सलवाद को लेकर सरकार के दावे पर सवाल खड़े किए हैं.
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मृत्युंजय तिवारी ने सरकार से आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी करने और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की घटना गया जिले में हुई है वह काफी निंदनीय है. शायद बिहार झारखंड में इस तरह की घटना पहली बार देखने को मिली है. इससे सरकार के उस दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं जिसमें यह कहा जाता है कि नक्सलवाद का यहां सफाया कर दिया गया है.
राजद नेता ने कहा कि इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से इस बात की आशंका भी बढ़ जाती है कि कहीं इस तरह की वारदात का सिलसिला ना शुरू हो जाए.
इधर इस पूरे मामले पर बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि अत्यंत दुखद घटना है और इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है. नीरज कुमार ने कहा कि हमारी सरकार ने यह दावा किया है कि ऐसे घटनाओं में लगातार कमी आई है क्योंकि हमने पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ किया है और नक्सलियों के सामाजिक आधार को ध्वस्त किया है. उन्होंने कहा कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है उसे विधि सम्मत सजा हम दिलाकर रहेंगे.
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बता दें कि बीते दिनों नक्सलियों ने गया के डुमरिया थाना के मोनबार गांव में एक घर के चार सदस्यों को जान से मारने के बाद फांसी के फंदे पर लटका दिया और उनके घर को बम से उड़ा दिया. नक्सलियों ने उसी जगह पर पर्चा चिपकाते हुए यह लिखा है कि षड्यंत्र के तहत चार नक्सली को पहले जहर देकर मरवाया गया. वे एनकाउंटर में नहीं मारे गए थे और इस मामले में विश्वासघात के आरोप में इन चार लोगों को सूली पर चढ़ा दिया है. गद्दारों और विश्वासघाती को ऐसे ही सजा दी जाएगी.
दरअसल मार्च महीने में चार नक्सलियों के एनकाउंटर का दावा सुरक्षाबलों ने किया था और उसी का ये प्रतिशोध में माना जा रहा है. यह हत्या नक्सलियों ने की है. संयुक्त बिहार झारखंड में इस तरह की घटना इससे पहले सामने नहीं आई थी.