पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) के अधिकारियों और पदाधिकारियों पर अक्सर अफसरशाही (Bureaucracy) के आरोप लगते रहते हैं. सीएम के जनता दरबार (Janta Darbar) में आए मुजफ्फरपुर के एक फरियादी ने इस मुद्दे को एक बार फिर नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के सामने रखा. इसे लेकर आरजेडी (RJD Bihar) के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद (Ejaz Ahmed) ने सरकार पर निशाना साधा है.
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बिहार में सरकारी अधिकारी और पदाधिकारी ना तो जनप्रतिनिधियों की सुनते हैं और ना ही आम लोगों की बात सुनते हैं. जनता दरबार में सोमवार को जिस तरह एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है उसे लेकर राजद नेताओं ने सुशासन पर सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि उन्होंने उस पदाधिकारी पर क्या कार्रवाई की.
राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार में लोक शिकायत निवारण (Public Grievance Redressal) के नाम पर सरकार ने खूब वाहवाही लूटी लेकिन उसकी असलियत क्या है यह आज मुख्यमंत्री को भी पता चल गया होगा.
'जनता दरबार में एक व्यक्ति ने यहां तक कह दिया कि बिहार के सरकारी कर्मचारी और अधिकारी कहते हैं कि चाहे पीएम के पास जाओ या सीएम के पास, आपका काम नहीं करेंगे. उस सरकारी अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई सीएम को बताना चाहिए.'- एजाज अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, राजद
राजद नेता ने कहा कि जिस तरह से आम लोग परेशान हैं और सरकारी दफ्तरों में ना तो आम लोगों की सुनी जाती है और ना ही जनप्रतिनिधियों की, उससे साफ है कि बिहार में किस तरह अफसरशाही हावी है और मुख्यमंत्री के तमाम दावे पूरी तरह गलत साबित हो रहे हैं.
दरअसल, सोमवार को मुजफ्फरपुर का एक युवक जनता दरबार में सीएम के समक्ष पहुंचा. उसने बताया कि राजस्व अभिलेखागार से नकल निकालने को लेकर भारी रिश्त की मांग की जाती है. नकल निकलवाने के लिए जाने पर वहां सीएम के लिए भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है. यही हाल निबंधन कार्यालय का भी है. युवक ने सीएम को बताया कि वहां भी नकल निकालने के लिए जाने पर मोटी रकम की मांग की जाती है.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने सीधे राजस्व भूमि सुधार विभाग के अधिकारी को फोन लगवाया. उन्होंने युवक द्वारा बतायी गयी बातों की जानकारी उस अधिकारी को देते हुए तत्काल जांच कराने का आदेश दिया है.
बता दें कि चौथे सोमवार को सीएम नीतीश ने गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान भूतत्व विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित शिकायतें सुनीं. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में सीमित संख्या में लोगों को बुलाने के निर्देश दे रखे हैं और 200 के आसपास ही लोग जनता दरबार कार्यक्रम में बुलाए जा रहे हैं.
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