पटना: आरजेडी महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मुजफ्फरपुर में दिए अपने उस बयान पर सफाई दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर संसद में बॉब कट और लिपस्टिक पाउडर वाली महिलाएं आ जाएंगी तो गांव की महिलाओं को कोई हक नहीं मिलगा. उनके इस बयान के बाद बीजेपी समेत तमाम विपक्षी दलों ने उन पर हमले तेज कर दिए थे. सहयोगी जेडीयू ने बयान की आलोचना की थी. वहीं अब सिद्दीकी ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके लिया गया है.
अब्दुल बारी सिद्दीकी ने मांगी माफी: अब्दुल बारी सिद्दीकी ने अपने आपत्तिजनक बयान पर सफाई देते हुए कहा कि दरअसल मुजफ्फरपुर में राष्ट्रीय जनता दल के अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ की बैठक थी. जिसमें गांव-देहात से सैकड़ों की तादाद में महिलाएं भी शामिल होने आईं थीं. ऐसे में उन गांव की महिलाओं को सिर्फ समझाने के लिए उस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था. हमने किसी भी महिला को आहत नहीं किया है. अगर फिर भी कोई आहत हुईं हैं तो हम खेद प्रकट करते हैं.
"असल में वहां राष्ट्रीय जनता दल के अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ की बैठक थी. जिसमें शामिल होने के लिए गांव-देहात से सैकड़ों की तादाद में मां-बहनें आईं थीं. ऐसे में सिर्फ उनको समझाने के लिए इस भाषा का इस्तेमाल किया था. हमने किसी भी महिला को आहत नहीं किया है. अगर फिर भी कोई आहत हुईं हैं तो हम खेद प्रकट करते हैं. मगर गांव-गंवई के लोगों को समझाने के लिए पहले भी सोशलिस्ट नेता उनकी भाषा में अपनी बात रखते थे"- अब्दुल बारी सिद्दीकी, राष्ट्रीय महासचिव, आरजेडी
आरजेडी महिला आरक्षण का समर्थक: महिला आरक्षण के पक्ष में आरजेडी शुरू से रहा है. सबसे पहले आरक्षण की शुरुआत तो बिहार में ही कर्पूरी ठाकुर ने किया था लेकिन तब आरक्षण विरोधी लोगों ने उनको भद्दी-भद्दी गालियां दी थी और आज आरक्षण की पैरवी कर रहे हैं. हमलोग हमेशा से महिला सशक्तिकरण के पैरोकार रहे हैं. हमलोग चाहते हैं कि आरक्षण के अंदर आरक्षण का प्रावधान हो ताकि समाज के सभी वर्ग का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो.
सिद्दीकी ने महिलाओं को लेकर क्या बोला था?: असल में शुक्रवार को मुजफ्फरपुर में आरजेडी के अत्यंत पिछड़ा प्रकोष्ठ की बैठक के दौरान अब्दुल बारी सिद्दीकी ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर संसद में बॉब कट और लिपस्टिक पाउडर वाली महिलाएं आ जाएंगी तो आपकी महिलाओं को कुछ हक-हुकूक नहीं मिलेंगे. उन्होंने आगे कहा कि अगर आरक्षण देना है तो पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा समाज की महिलाओं को भी आरक्षण दें, उनके लिए कोटा तय हो.