पटना: महागठबंधन को चुनाव से पहले नाम के अनुरूप महा आकार देने की कोशिशें तेजी से हो रही है. इसको लेकर सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में विस्तृत जनाधार वाली भाजपा विरोधी पार्टियों को साथ लेकर चलने की कोशिश राजद की तरफ से की जा रही है.
इस कड़ी में जहां पहले वामदलों को साथ लिया गया और अब सपा -बसपा के अलावा झारखंड के झामुमो को भी साथ जोड़ने की कोशिशें की जा रही है.
वामदल को साथ लेकर चलना दिख रहा मुश्किल
वामदलों से राजद की कई दौर की बातचीत हो चुकी है. हालांकि भाकपा माले की डिमांड को देखते हुए, उसे साथ लेकर चलना इतना आसान नहीं दिख रहा है. बावजूद पार्टी केअंदर ही अंदर यह बात चल रही है कि किसी तरह सभी वामदल महागठबंधन के बैनर तले ही चुनाव लड़ें. बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा से बात हो चुकी है.
खुद सीएम हेमंत सोरेन लालू से मिल चुके हैं. वही राजद की ओर से बसपा प्रमुख मायावती से भी कई दौर की वार्ता हो चुकी है.
बदल सकता है महागठबंधन का समीकरण
बिहार में रालोसपा और मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी महागठबंधन में कांग्रेस और राजद के साथ हैं. इनके साथ सीट शेयरिंग को लेकर लगातार चर्चा चल रही है.
घर अंदरखाने में एक चर्चा यह भी है कि अगर वीआईपी और रालोसपा को महागठबंधन में मनमाफिक सीटें नहीं मिली, तो वह पप्पू यादव की पार्टी जाप के साथ अलग चुनाव लड़ सकते हैं.
आखिरी दौर में महागठबंधन को विस्तार देने की कोशिश
दरअसल, महागठबंधन की अस्तित्व में लाने वाले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद का जो सपना था वह अभी तक साकार नहीं हो सका है. राजद नेता लालू यादव भाजपा विरोधी तमाम पार्टियों को एक बैनर तले लाने की कोशिश थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई है और यह सिर्फ बिहार में कुछ दलों का गठबंधन बनकर रह गया. उसे देखते हुए इस बार लालू यादव ने महागठबंधन नाम को सही तरीके से चरितार्थ करने की कोशिश शुरू की. राजद के साथ वार्ता के बाद वाम दल ने साफ कर दिया है कि वह महागठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ेंगे. हालांकि भाकपा माले को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. इधर बहुजन समाज पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ बातचीत आखिरी दौर में है.