पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन, जीत के करीब जाकर शिकस्त पाने वाली आरजेडी ने अब भी सरकार बनाने की उम्मीद नहीं छोड़ी है. आरजेडी की तरफ से नीतीश कुमार को एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया गया है. इस ऑफर के बाद बिहार की सियासत गर्मा उठी है.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार को ऑफर देते हुए कहा, 'नीतीश कुमार कहते थे मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन कभी बीजेपी में नहीं जाएंगे. आज वही बीजेपी उन्हें मिट्टी में मिलाने पर लगी हुई है. ऐसे में उन्हें महागठबंधन में वापस आ जाना चाहिए और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार को दिल्ली जाना चाहिए और वहां की राजनीति में सक्रिय हो जाना चाहिए. वो पीएम कैंडिडेट बनें. हम सभी उनका साथ देंगे.'
जेडीयू गठबंधन धर्म का दे रही हवाला
उदय नारायण चौधरी के इस बयान के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार को पीएम कैंडिडेट बनाने वाली पुरानी चर्चा तेज हो गई है. वहीं, नई सरकार गठन को काफी दिन बीत चुका है लेकिन अब तक मंत्रीमंडल का विस्तार नहीं हुआ है. तो दूसरी तरफ अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के छह विधायक बीजेपी में शामिल होने के बाद से दोनों पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. इधर जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने बड़ा फैसला लेते हुए 3 साल के लिए आरसीपी सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया है. इसके कई कयास लगाए जा रहे हैं. पार्टी के नेता लगातार बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी भी दे रहे हैं.
'अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद साफ हो गया कि भाजपा अटल धर्म से विमुख हो चुकी है और सहयोगी दलों के हितों का ख्याल नहीं रखती'- केसी त्यागी, प्रधान महासचिव, जेडीयू
कल क्या होगा कोई नहीं जानता : JDU
ईटीवी भारत से बात करते हुए जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि अभी हम बीजेपी से मधुर, स्वच्छ और मजबूत संबंध बनाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. आगे क्या होगा, ये कोई नहीं जानता. उन्होंने ये भी कहा कि स्वभाविक है कि अरुणाचल की घटना का असर जरूर पड़ेगा. इसके साथ ही नीतीश कुमार को पीएम पद उम्मीदवार वाले आरजेडी के बयान पर उन्होंने साफ कह दिया कि हमने कभी इसका दावा नहीं किया. हां नीतीश कुमार कुशल नेतृत्वकर्ता हैं.
वहीं आरजेडी के दिए गए न्यौते पर सत्तारूढ़ दल हम ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरजेडी पहले अपना घर संभाले. हम प्रवक्ता विजय यादव की माने तो, आरजेडी के कई विधायक और नेता एनडीए में शामिल होना चाहते हैं, मौका देखते ही वो आरजेडी छोड़ देंगे.
नए साल में नई सरकार!
भले ही एनडीए में सब कुछ ठीक हो लेकिन विरोधियों को नए साल में उम्मीद हैं कि नई सरकार जरूर बनेगी. कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा, 'नए साल में हम उम्मीद करते हैं कि नई सरकार बनेगी, नीतीश जी को भगवान साहस दे. वो भाजपा की कठपुतली बनकर रह गए हैं.'
वहीं, आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव कहते हैं, 'अपने ही कारणों से जदयू बिखर जाएगी. भारतीय जनता पार्टी बिहार में जदयू मुक्त बनाने की राह में बढ़ रही है.'
फिलहाल तमाम सवालों और जवाबों के बीच इतना तो तय है कि उदय नाराणय चौधरी ने बयान देकर कयासों को और हवा दे दी. बिहार की राजनीति में बड़ा उलट फेर होगा या नहीं, ये तो आने वाला समय ही बताएगा.