पटना: लॉकडाउन की वजह से देश में जरूरी काम रुके हुए हैं. सरकार की ओर से धीरे-धीरे आवश्यकता के मुताबिक विभिन्न सेक्टर को सावधानी पूर्वक खोला जा रहा है. लेकिन राजनीतिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ी हुई हैं. इसके बावजूद, प्रवासी बिहारियों को लेकर बिहार की सियासत अचानक गरमाने लगी है.
'भूखे-प्यासे रह रहे प्रवासी'
बिहार के लाखों लोग लॉकडाउन की वजह से अपने घर से दूर फंसे हुए हैं. अन्य राज्यों की तरह बिहार ने भी अपने प्रवासी लोगों की घर वापसी की व्यवस्था की है. जो लोग अपने घर लौट रहे हैं उनकी परेशानियां भी किसी से छिपी हुई नहीं है. बड़ी संख्या में लोग किसी तरह अपने घर पहुंच रहे हैं. वहां उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहना पड़ रहा है. केंद्र में उन्हें भूखे-प्यासे भी रहना पर रहा है. इन तमाम मसले के बीच उनके सामने भविष्य की संकट भी बरकरार बनी हुई है.
'प्रवासियों की हो मदद'
इन सब के बीच राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से एक फरमान जारी किया गया कि राजद के सभी राजनेताओं को प्रवासी भाइयों की मदद करनी चाहिए. साथ ही उन्हें वापस आए मजदूरों को पार्टी से जोड़ने के लिए ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू करने का टास्क भी दे दिया गया. राजद के ऑनलाइन अभियान को लेकर अब की सवाल भी खड़े हो रहे हैं. राजद के इस पहल पर महागठबंधन में उनके साथी भी सवाल उठा रहे हैं. महागठबंघन के घटक दल हम पार्टी ने राजद से सवाल पूछा हैं कि 'क्या आपदा की इस घड़ी में राजनीति सही है'. वहीं, एनडीए नेता भी राजद के इस अभियान की टाइमिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
'सभी पार्टियां कर रही है चुनाव की तैयारी'
इस मामले पर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि चुनाव का वक्त है. इसलिए सभी पार्टियां अपनी तैयारी में लगी है. राजद इसमें पीछे नहीं है. राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आखिर इसमें बुराई क्या है. प्रवासी बिहारियों की मदद में हम जोर-शोर से लगे हैं. जो लोग ऑनलाइन सदस्य बनना चाहें वह बन सकते हैं. इसमें किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.
गौरतलब है कि चाहे बीजेपी नेता नवल किशोर यादव या फिर हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान, राजद के इस अभियान को लेकर सवाल उठा रहे हैं. हम से लेकर भाजपा का कहना है कि इस विपदा की घड़ी में राजद सदस्यता अभियान चला रही है, विपक्ष के नाते यह राजनीति शुभ संकत नहीं हैं.