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Bihar Politics: आलोक मेहता के बयान पर RJD की सफाई, चितरंजन गगन ने कही यह बात

Bihar News शिक्षा मंत्री का बयान के बाद एक बार फिर राजद मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान से माहौल गर्म है. भागलपुर में आलोक मेहता के दिए बयान से घमासाम मचा है. ऐसे में RJD ने मंत्री के बयान को लेकर सफाई दी. कहा कि मंत्री के बयान का मतबल किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Jan 22, 2023, 11:02 PM IST

पटना: भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता (Minister Alok Kumar Mehta) के बयान से बिहार में राजनीति शुरू हो गई है. इधर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मंत्री के बयान को लेकर सफाई दी है. पार्टी का कहना है कि मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. उनके बोलने का आशय किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. RJD प्रवक्ता चितरंजन गगन ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है.

यह भी पढ़ेंः Bihar Politics: सुशील मोदी का लालू पर निशाना, कहा-'भूरा बाल साफ करो' के मंत्र पर काम कर रही RJD

भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान को गलत तरीके से पेश करने का काम किया गया है. उनका आशय किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. RJD धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती. हमारे नेता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. - चितरंजन गगन, प्रवक्ता, RJD

टिप्पणी करना नकारात्मक राजनीतिः इस सम्बन्ध में राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता का स्पष्टीकरण भी आ चुका है. इसके बाद भी इस पर टीका टिप्पणी करना नकारात्मक राजनीति मानी जाएगी. आलोक मेहता भागलपुर के एक सभा में अपने सम्बोधन के दौरान समाजवादी नेता जगदेव प्रसाद द्वारा दिए गए एक नारे को उद्धृत कर रहे थे. जिसे कुछ लोगों द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत कर इसे जातीय रंग देने की कोशिश हो रही है.

बलिदान देने में आगे रहे हैं सवर्णः इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि देश की आजादी की लड़ाई , समाजवादी आन्दोलन , सामाजिक न्याय का आन्दोलन हो या सामाजिक सुधार के आन्दोलन, इन सब में सवर्ण समाज की न केवल महत्वपूर्ण भूमिका रही है बल्कि बलिदानियों की सूची में सवर्णों की लम्बी फेहरिस्त है. मैं खुद उस परिवार से आता हूं जिसके पूर्वजों ने आजादी के महायज्ञ में अपने जान की आहूति दी है.

RJD धर्म और जाति की राजनीति नहीं करतीः राजद ए टू जेड की पार्टी है. समाजवाद और सामाजिक न्याय की पार्टी है. RJD धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती. हमारे नेता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. विकास के पैमाने पर पिछड़े हुए सभी वर्ग और समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के संकल्प के साथ जन सारोकार से जुड़े मुद्दों पर राजनीति करते हैं. धर्म और जाति की राजनीति वे करते हैं जिन्हें मुद्दों से कोई मतलब नहीं है.

भागलपुर में आलोक मेहता ने दिया था बयानः ज्ञात हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार जुदा के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने भागलपुर में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि जिन्हें 10% में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजो के दलाल थे. उनके सामने जो आवाज उठाता था, उनकी जुबान बंद कर दी जाती थी. उन्होंने यह बातें भागलपुर के गोराडीह प्रखंड अंतर्गत सालपर पंचायत स्थित काशी हटिया के मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही थी.

एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी शुरूः उन्होंने यह भी कहा था कि जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े एवं वंचित वर्ग के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ी. जिन की हिस्सेदारी 90% है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था. जब अंग्रेज यहां से जाने लगे तो 10% पर गिने जाने वाले लोगों को सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमीदार बना दिया गया. वही, जो मेहनत मजदूरी करते थे उन्हें वंचित रखा गया. इस बयान के बाद बिहार के राजनीतिक हलकों में एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.

पटना: भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता (Minister Alok Kumar Mehta) के बयान से बिहार में राजनीति शुरू हो गई है. इधर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने मंत्री के बयान को लेकर सफाई दी है. पार्टी का कहना है कि मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. उनके बोलने का आशय किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. RJD प्रवक्ता चितरंजन गगन ने रविवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है.

यह भी पढ़ेंः Bihar Politics: सुशील मोदी का लालू पर निशाना, कहा-'भूरा बाल साफ करो' के मंत्र पर काम कर रही RJD

भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता के बयान को गलत तरीके से पेश करने का काम किया गया है. उनका आशय किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. RJD धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती. हमारे नेता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. - चितरंजन गगन, प्रवक्ता, RJD

टिप्पणी करना नकारात्मक राजनीतिः इस सम्बन्ध में राजस्व मंत्री आलोक कुमार मेहता का स्पष्टीकरण भी आ चुका है. इसके बाद भी इस पर टीका टिप्पणी करना नकारात्मक राजनीति मानी जाएगी. आलोक मेहता भागलपुर के एक सभा में अपने सम्बोधन के दौरान समाजवादी नेता जगदेव प्रसाद द्वारा दिए गए एक नारे को उद्धृत कर रहे थे. जिसे कुछ लोगों द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत कर इसे जातीय रंग देने की कोशिश हो रही है.

बलिदान देने में आगे रहे हैं सवर्णः इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि देश की आजादी की लड़ाई , समाजवादी आन्दोलन , सामाजिक न्याय का आन्दोलन हो या सामाजिक सुधार के आन्दोलन, इन सब में सवर्ण समाज की न केवल महत्वपूर्ण भूमिका रही है बल्कि बलिदानियों की सूची में सवर्णों की लम्बी फेहरिस्त है. मैं खुद उस परिवार से आता हूं जिसके पूर्वजों ने आजादी के महायज्ञ में अपने जान की आहूति दी है.

RJD धर्म और जाति की राजनीति नहीं करतीः राजद ए टू जेड की पार्टी है. समाजवाद और सामाजिक न्याय की पार्टी है. RJD धर्म और जाति की राजनीति नहीं करती. हमारे नेता उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. विकास के पैमाने पर पिछड़े हुए सभी वर्ग और समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के संकल्प के साथ जन सारोकार से जुड़े मुद्दों पर राजनीति करते हैं. धर्म और जाति की राजनीति वे करते हैं जिन्हें मुद्दों से कोई मतलब नहीं है.

भागलपुर में आलोक मेहता ने दिया था बयानः ज्ञात हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार जुदा के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने भागलपुर में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि जिन्हें 10% में गिना जाता है वह पहले मंदिर में घंटी बजाते थे और अंग्रेजो के दलाल थे. उनके सामने जो आवाज उठाता था, उनकी जुबान बंद कर दी जाती थी. उन्होंने यह बातें भागलपुर के गोराडीह प्रखंड अंतर्गत सालपर पंचायत स्थित काशी हटिया के मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही थी.

एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी शुरूः उन्होंने यह भी कहा था कि जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े एवं वंचित वर्ग के उत्थान के लिए लड़ाई लड़ी. जिन की हिस्सेदारी 90% है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था. जब अंग्रेज यहां से जाने लगे तो 10% पर गिने जाने वाले लोगों को सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमीदार बना दिया गया. वही, जो मेहनत मजदूरी करते थे उन्हें वंचित रखा गया. इस बयान के बाद बिहार के राजनीतिक हलकों में एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.

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