पटना: आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र (MLA Bhai Virendra) ने ईडी और सीबीआई सहित केंद्रीय एजेंसियों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. पत्र में बंगाल का उदाहरण देते हुए बिहार में भी केंद्रीय एजेंसियों की बिना राज्य सरकार की सहमति के प्रवेश करने के लिए कानून बनाने की मांग की है. इससे संबंधित विधेयक विधानसभा में पास कराने की मांग भी रखी है. आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने पत्र में कहा है माननीय मुख्यमंत्री जी मैं आपका व्यक्तिगत ध्यान भारत के संविधान के अंतर्गत गठित लोकतांत्रिक राज्यों की संवैधानिक संस्था शक्तियों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं.
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सीबीआई और ईडी पर रोक की मांग: संवैधानिक शक्तियों के अधीन राज्यों में बिहार राज्य भी गठित है. जहां लोकतांत्रिक तरीके से माननीय मुख्यमंत्री नेता विरोधी दल सहित अन्य महानुभाव का चुनाव संवैधानिक तरीके से होता है. महानुभाव को पृथक संवैधानिक शक्तियां प्रदत है. भाई वीरेंद्र ने लिखा है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार के अंतर्गत एजेंसियों जैसे सीबीआई और ईडी के आये दिन राज्यों की लोकतांत्रिक रूप से चयनित महानुभावों पद धारकों के विरुद्ध बिना राज्य सरकार की अनुमति से छवि धूमिल करने एवं परेशान करने की नियत से छापेमारी करना चाहती है. भवदीय को संज्ञान में लाना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल राज्य बिहार का पड़ोसी राज्य है वहां केंद्र सरकार की कोई भी एजेंसी बिना राज्य सरकार की इजाजत के किसी भी महानुभावों या पद धारकों पर छापेमारी नहीं कर सकती लेकिन बिहार राज्य में ऐसा प्रावधान नहीं है.
"लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार के अंतर्गत एजेंसियों जैसे सीबीआई और ईडी के आये दिन राज्यों की लोकतांत्रिक रूप से चयनित महानुभावों पद धारकों के विरुद्ध बिना राज्य सरकार की अनुमति से छवि धूमिल करने एवं परेशान करने की नियत से छापेमारी करना चाहती है. भवदीय को संज्ञान में लाना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल राज्य बिहार का पड़ोसी राज्य है वहां केंद्र सरकार की कोई भी एजेंसी बिना राज्य सरकार की इजाजत के किसी भी महानुभावों या पद धारकों पर छापेमारी नहीं कर सकती लेकिन बिहार राज्य में ऐसा प्रावधान नहीं है."-भाई वीरेंद्र, आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता
क्या करेंगे नीतीश कुमार: भाई वीरेंद्र ने आगे लिखा है अतः मैं चाहूंगा कि जिस राज्य में राज्य की शक्तियों को बरकरार रखते रखने हेतु इससे संबंधित चलते सत्र में सदन में एक विधेयक उपस्थापित करके एजेंसियों के दुरुपयोग को रोका जाए. आरजेडी विधायक के पत्र के बाद अब देखना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में क्या कुछ फैसला लेते हैं. आरजेडी विधायक ने इस मामले को कल सदन में भी उठाया था उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सदन में मौजूद थे लेकिन उनके तरफ से कुछ कहा नहीं गया अब पत्र को किस ढंग से लिया जाएगा यह देखना दिलचस्प होगा.