पटना: राजद के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा (Rajya Sabha MP Manoj Kumar Jha) ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि भाजपा ने सीबीआई और ईडी ने जैसी संस्थाओं के चरित्र को धूमिल कर दिया गया है. अब कोई किसी के यहां सर्च ऑपरेशन हो रहा है तो कतई भरोसा नहीं होता. क्योंकि वह उनकी जांच नहीं होती है. जांच एजेंसी मजबूर है. किसी की स्क्रिप्ट को लेकर सर्च किए जा रहे हैं. आज लालू प्रसाद की बेटियों पर, डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद के घर पर जाकर सर्च कर रहे हैं. मनोज झा ने सवाल उठाया कि आखिर क्या हासिल करना है?
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परेशानियों के बाद भी लालू अडिग हैंः मनोज झा ने यह भी कहा कि एक बंद केस को खोलना उनकी टीस है. अगस्त 2022 में बिहार में भाजपा की सरकार नहीं रही, इस टीस को आपने इन संस्थाओं के माथे रख दिया. इन संस्थाओं में कई ऐसे व्यक्ति हैं जिनको सेवा विस्तार चाहिए. उन्होंने भाजपा से वादा किया है कि वे इस सरकार को हिला कर रख देंगे. लेकिन हम लोग हिलने वाले नहीं हैं. मनोज झा ने कहा कि लालू प्रसाद इतनी परेशानियों के बाद भी अडिग खड़े हैं. आप बाज आइए.
''2024 के पहले बीजेपी की व्याकुलता खुलकर सामने आई है. छापे पर छापे, सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल. 2 दिन की छुट्टी हुई थी जब सदन बंद हुआ था. तेजस्वी प्रसाद अपनी गर्भवती पत्नी से मिलने गए थे, वहां पर भी छापा मारा गया. बहनों के यहां भी छापा मारा गया. देश के अंदर क्या हो रहा है? अगर लड़ना ही है तो सीधे इमरजेंसी की तरह लड़िये.''- शक्ति सिंह यादव, प्रवक्ता, आरजेडी
राजनीतिक बदले की कार्रवाईः शक्ति सिंह यादव ने भाजपा से सवाल किया कि सीबीआई, ईडी और आईटी का इस्तेमाल इस तरीके से किया जाएगा. कर्नाटक में बीजेपी के यहां करोड़ों रुपए पकड़े गए, क्या वहां सीबीआई और ईडी पहुंची? इसलिए नहीं पहुंची क्योंकि वह आपसे रिश्ते रखते हैं. अदानी के यहां 80 हजार करोड़ का फ्रॉड सामने आया, कोई कार्रवाई हुई क्या? शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बीजेपी को आरजेडी और महागठबंधन से डर है. 2017-18 में भी सरकार गई थी, क्या-क्या किया था भाजपा ने सबको पता है. उन्होंने कहा कि यह कोई छापा नहीं है, राजनीतिक बदले की कार्रवाई है.
"किसी भी विपक्षी दल के नेता को नहीं छोड़ा गया. कल जब आप सत्ता में नहीं होंगे, आपके साथ इसकी पुनरावृति हो सकती है. क्या यह उचित होगा? राजनीतिक लड़ाई राजनीतिक तरीके से लड़नी चाहिए. ईडी, सीबीआई बहुत हो गया. अब अब लोग हंसते हैं. माखौल उड़ाते हैं इन संस्थाओं का. कम से कम इन संस्थाओं की चिंता कीजिए"- मनोज झा, सांसद, आरजेडी