पटना: कोरोना और लॉकडाउन के साथ ही बढ़ती महंगाई (Price rise) ने लोगों की कमर तोड़ दी है. सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. सरसों तेल के बढ़े दाम (Edible Oil Price) से भी हर कोई त्रस्त है.
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बिगड़ा किचन का बजट
बढ़ती महंगाई के कारण निम्न व मध्यम वर्ग के लोगों का जीना मुहाल हो गया है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत ने सभी की बेचैनी बढ़ा दी है तो रसोई गैस के दाम में बढ़ोत्तरी की वजह से महिलाओं के किचन का बजट बिगड़ गया है. इतना ही नहीं, सरसों तेल के बढ़े दाम से तो सभी परेशान हैं.
महंगे हुए खाद्य तेल
पैक्ड खाद्य तेल जैसे सरसों, मूंगफली, सूरजमुखी, वनस्पति, सोया, और पाम ऑयल की मासिक औसत खुदरा कीमतें इस महीने, 11 साल बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. खाद्य तेलों में हुई वृद्धि को लेकर लोगों को अब घर चलाने की चिंता सताने लगी है.
क्या कहना है गृहणियों का
गृहणियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई में सरसों तेल के भाव आसमान छू रहे हैं. आज सरसों तेल का कीमत 180 और 190 रुपये हो गए हैं. ऐसे में किचन का बजट पूरी तरह से बिगड़ गया है. खास करके हर खाद्य सामग्रियों पर इन दिनों महंगाई की मार देखने को मिल रही है. महिलाएं कहती हैं कि किसी तरह वह कटौती करके अपने किचन के बजट को संभाल रही हैं.
क्या कहना है कामकाजी महिलाओं का
वहीं कामकाजी महिलाएं कहती हैं कि बढ़ती महंगाई ने उनकी कमर तोड़ दी है. इस संक्रमण काल में डॉक्टर पौष्टिक भोजन करने की सलाह देते है पर बढ़ती महंगाई में 2 जून की रोटी का जुगाड़ बड़ी मुश्किल से हो रहा है. ऐसे में फल-फूल और पौष्टिक भोजन करने की बात ही छोड़िए.