पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व और भूमि सुधार विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. जहां विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह ने विभाग के कामकाज को लेकर एक प्रेजेंटेशन भी दिया. इसमें लैंड रिकॉर्ड्स, लैंड सर्वे एंड सेटेलमेंट, लैंड कंसीडरेशन और लैंड एक्यूजिशन की विस्तृत जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई. ये बैठक मुख्यमंत्री आवास पर ही रखी गई थी.
'अपराध के 60% मामले भूमि विवाद से जुड़े'
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद अधिकारियों से कहा कि बिहार में होने वाले अपराध में कम से कम 60% मामले भूमि विवाद से जुड़े होते हैं. इसलिए सर्वे सेटलमेंट का काम चुनौती के रूप में लें. उन्होंने ये भी कहा कि परिवारिक बंटवारे की जमीन की रजिस्ट्री मात्र ₹100 के संकेतिक शुल्क पर निर्धारित की गई है. सीएम ने बैठक में कहा कि राज्य में विकास के अनेक कार्य हो रहे हैं, जिससे जमीन की कीमत बढ़ गई है, इसलिए जमीन से संबंधित विवादों का निपटारा जरूरी है.
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सुमो के ट्वीट का JDU ने किया स्वागत, कहा- नीतीश कुमार ही रहेंगे बिहार के मुख्यमंत्री https://t.co/QkaGCGcPAw
— ETV Bharat Bihar (@etvbharatbihar) September 11, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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'समाज में अमन-चैन के लिए जरूरी है सर्वे सेटलमेंट'
सीएम नीतीश ने ये भी कहा कि सर्वे सेटलमेंट से जमीन संबंधी विवादों का समाधान तो होगा ही, इससे फसलों की उत्पादकता भी बढ़ेगी. समाज में अमन-चैन का माहौल बना रहेगा. भूमि सुधार से संबंधित कार्यों की जानकारी लोगों को मिल सके, इसके लिए भूमि सुधार नियमावली को प्रचारित किये जाने का निर्देश भी सीएम ने दिया.
डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी थे मौजूद
बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक सेवा का अधिकार कानून एवं लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून के अंतर्गत दाखिल खारिज और राजस्व से संबंधित जो मामले लंबित हैं, उसके समाधान के लिए समीक्षा करने का भी आदेश दिया और उसमें तेजी लाने के लिए भी कहा. इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल, मुख्य सचिव दीपक कुमार समेत सरकार के कई आलाधिकारी मौजूद थे.