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Revenue and Land Reforms Department: दाखिल-खारिज प्रकिया में लागू हुई पहले आओ, पहले पाओ व्यवस्था

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Revenue and Land Reforms Department) दाखिल-खारिज प्रकिया को सरल बना दिया है. विभाग द्वारा शनिवार को दी गई जानकारी के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलों के समाहर्ता को इस संबंध में एक पत्र लिखा है. पढ़ें पूरी खबर..

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री
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Published : Feb 11, 2023, 10:53 PM IST

पटना: बिहार में ऑनलाइन दाखिल खारिज (Online filing dakhil khareej in Bihar) में अस्वीकृत के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने FIFO यानि (first in first out) अर्थात पहले आओ, पहले पाओ की व्यवस्था लागू की है. दाखिल-खारिज के मामलों में जो वाद पहले दायर होंगे उसका निपटारा पहले होगा. अगर किसी कारण से किसी आवेदन को रोकना जरूरी हो तो उसका कारण बताना होगा और हरेक वाद/केस को लंबित रखने का एक-एक दिन का हिसाब देना होगा.

ये भी पढ़ें- संपतचक के CO निलंबित, अलग से कार्यालय बनाकर वसूली का आरोप

दाखिल खारिज प्रकिया को सरल बनाने की कवायद : पत्र की प्रति सभी अपर समाहर्ता एवं प्रमण्डलीय आयुक्तों को भी दी गई है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में दाखिल-खारीज के आवेदनों को बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया जाता है या तय समय से अधिक समय लगाया जाता है तो अविलम्ब इसके लिए जिम्मेदार कर्मी/पदाधिकारी को चिन्हित् कर दंडित करने की कार्रवाई प्रारम्भ करेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि दाखिल-खारीज आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ विषय है.

"पूरे बिहार से शिकायत आ रही थी कि म्यूटेशन के मामले में अंचल कर्मियों द्वारा मनमानी की जा रही है. नई व्यवस्था के लागू होने के बाद इस मामले में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी. हमें इस बात की खुशी है. दाखिल-खारीज से संबंधित वादों के निष्पादन के क्रम में FIFO (first in first out) की व्यवस्था सभी कर्मियों यानि राजस्व कर्मचारी/राजस्व अधिकारी/अंचल अधिकारी के लाॅगिन में उपलब्ध सभी एक्टिविटी में लागू होगी. सूची में उपलब्ध वाद का निष्पादन क्रमवार ही हो पाएगा." - आलोक कुमार मेहता, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री

काम नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई : भूमि सुघार मंत्री ने कहा कि अगर क्रमवार निष्पादन के दौरान किसी वाद को निष्पादन करने में अगर पदाधिकारी/कर्मी किसी कारणवश असमर्थ हैं तो ऐसी स्थिति में उस वाद को एक दिन के लिए कारण के साथ उस वाद को लिस्ट से हटाया जा सकता है. वाद को क्रम से हटाने के लिए (skip for the day) मेन्यू से कारण लिखकर उस वाद को एक दिन के लिए सूची से हटा सकते हैं.

दाखिल-खारिज मामले में पूरी पारदर्शिता लाने की कवायद : वाद को क्रम से हटाने हेतु (skip for the day) मेन्यू अगले दिन भी उपलब्ध रहेगा लेकिन ऐसा करने पर पुनः संबंधित कर्मी/अधिकारी को स्किप का कारण देना होगा. यह कारण कम से कम 100 शब्दों में टाइप करके लिखना होगा. विभाग का मानना है कि इससे दाखिल-खारिज के मामले में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी तथा कोई भी कर्मी/पदाधिकारी किसी भी वाद को लम्बे समय तक लटकाने से बचेगा.

बिहार में पांच अंचलों में पहले लागू होगी : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सबसे पहले प्रयोग के तौर पर बिहार में पांच अंचलों पटना के फतुहा, भागलपुर के सबौर, सिवान के सीवान सदर, किशनगंज के ठाकुरगंज और समस्तीपुर के कल्याणपुर में प्रयोग के तौर पर यह व्यवस्था शुरू की गई थी. इसमें साॅफ्टवेयर की जांच भी शामिल था कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आईटी शाखा ने भी इसे हरी झंडी दे दी है और ऑनलाइन दाखिल-खारिज की इस नई व्यवस्था हेतु यह साॅफ्टवेयर भी पूरी तरह से सक्षम है.

सूबे में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू : अक्टूबर, 2018 जबसे सूबे में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हुई है, अब तक कुल 99,39,435.00 (निन्यानवे लाख उनचालीस हजार चार सौ पैतीस) आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से अस्वीकृत मामलों की संख्या-36,33,803.00 (छत्तीस लाख तेतीस हजार आठ सौ तीन) है. इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों की अस्वीकृति से चिंतित विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है.

पटना: बिहार में ऑनलाइन दाखिल खारिज (Online filing dakhil khareej in Bihar) में अस्वीकृत के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने FIFO यानि (first in first out) अर्थात पहले आओ, पहले पाओ की व्यवस्था लागू की है. दाखिल-खारिज के मामलों में जो वाद पहले दायर होंगे उसका निपटारा पहले होगा. अगर किसी कारण से किसी आवेदन को रोकना जरूरी हो तो उसका कारण बताना होगा और हरेक वाद/केस को लंबित रखने का एक-एक दिन का हिसाब देना होगा.

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दाखिल खारिज प्रकिया को सरल बनाने की कवायद : पत्र की प्रति सभी अपर समाहर्ता एवं प्रमण्डलीय आयुक्तों को भी दी गई है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में दाखिल-खारीज के आवेदनों को बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया जाता है या तय समय से अधिक समय लगाया जाता है तो अविलम्ब इसके लिए जिम्मेदार कर्मी/पदाधिकारी को चिन्हित् कर दंडित करने की कार्रवाई प्रारम्भ करेंगे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि दाखिल-खारीज आम जनता से सीधा जुड़ा हुआ विषय है.

"पूरे बिहार से शिकायत आ रही थी कि म्यूटेशन के मामले में अंचल कर्मियों द्वारा मनमानी की जा रही है. नई व्यवस्था के लागू होने के बाद इस मामले में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी. हमें इस बात की खुशी है. दाखिल-खारीज से संबंधित वादों के निष्पादन के क्रम में FIFO (first in first out) की व्यवस्था सभी कर्मियों यानि राजस्व कर्मचारी/राजस्व अधिकारी/अंचल अधिकारी के लाॅगिन में उपलब्ध सभी एक्टिविटी में लागू होगी. सूची में उपलब्ध वाद का निष्पादन क्रमवार ही हो पाएगा." - आलोक कुमार मेहता, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री

काम नहीं करने वालों पर होगी कार्रवाई : भूमि सुघार मंत्री ने कहा कि अगर क्रमवार निष्पादन के दौरान किसी वाद को निष्पादन करने में अगर पदाधिकारी/कर्मी किसी कारणवश असमर्थ हैं तो ऐसी स्थिति में उस वाद को एक दिन के लिए कारण के साथ उस वाद को लिस्ट से हटाया जा सकता है. वाद को क्रम से हटाने के लिए (skip for the day) मेन्यू से कारण लिखकर उस वाद को एक दिन के लिए सूची से हटा सकते हैं.

दाखिल-खारिज मामले में पूरी पारदर्शिता लाने की कवायद : वाद को क्रम से हटाने हेतु (skip for the day) मेन्यू अगले दिन भी उपलब्ध रहेगा लेकिन ऐसा करने पर पुनः संबंधित कर्मी/अधिकारी को स्किप का कारण देना होगा. यह कारण कम से कम 100 शब्दों में टाइप करके लिखना होगा. विभाग का मानना है कि इससे दाखिल-खारिज के मामले में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी तथा कोई भी कर्मी/पदाधिकारी किसी भी वाद को लम्बे समय तक लटकाने से बचेगा.

बिहार में पांच अंचलों में पहले लागू होगी : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा सबसे पहले प्रयोग के तौर पर बिहार में पांच अंचलों पटना के फतुहा, भागलपुर के सबौर, सिवान के सीवान सदर, किशनगंज के ठाकुरगंज और समस्तीपुर के कल्याणपुर में प्रयोग के तौर पर यह व्यवस्था शुरू की गई थी. इसमें साॅफ्टवेयर की जांच भी शामिल था कि यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आईटी शाखा ने भी इसे हरी झंडी दे दी है और ऑनलाइन दाखिल-खारिज की इस नई व्यवस्था हेतु यह साॅफ्टवेयर भी पूरी तरह से सक्षम है.

सूबे में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू : अक्टूबर, 2018 जबसे सूबे में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हुई है, अब तक कुल 99,39,435.00 (निन्यानवे लाख उनचालीस हजार चार सौ पैतीस) आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें से अस्वीकृत मामलों की संख्या-36,33,803.00 (छत्तीस लाख तेतीस हजार आठ सौ तीन) है. इतनी बड़ी संख्या में आवेदनों की अस्वीकृति से चिंतित विभाग ने इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है.

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