पटना: भारतीय प्रशासनिक सेवा के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मनोज श्रीवास्तव का कोरोना वायरस की वजह से गुरुवार को निधन हो गया. उनके निधन से बिहार में शोक की लहर दौड़ गई. बिहार के आईएएस संघ ने उनके निधन पर गहरी शोक-संवेदना जताई है. एसोसिएशन ने कहा कि हम लोगों ने अपने एक वरिष्ठ अनुभवी साथी को खो दिया है.
राज्य के विभिन्न जिलों और विभागों में जहां भी उनकी पदस्थापना रही. उनके साथ काम कर चुका हर अधिकारी और कर्मचारी आज दुख प्रकट कर रहा है. उन्होंने राज्य-हित को हमेशा शीर्ष पर रखा और कर्तव्यों के निर्वहन में जी जान से लगे रहे.
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी का निधन
आईएएस एसोसिएशन बिहार शाखा के सचिव आईएएस अधिकारी दीपक कुमार सिंह ने कहा कि दिवंगत मनोज श्रीवास्तव 1980 में आईएएस में थर्ड रैंक पाने के बाद बिहार की सेवा में लगे रहे. बिहार में यूनिसेफ के साथ बिहार शिक्षा परियोजना की परिकल्पना को धरातल पर लाने का श्रेय मनोज श्रीवास्तव को ही है. बिहार शिक्षा परियोजना से विभिन्न सामाजिक शैक्षिक संस्थाओं साहित्यकारों और शिक्षाविदों को जोड़कर उन्होंने राज्य में शिक्षा की चिंता में आमजन की भागीदारी बढ़ाने में सफलता प्राप्त की. कॉमफेड के प्रबंध निदेशक के रूप में सुधा को बिहार ब्रांड के रूप में स्थापित करने वाले मनोज श्रीवास्तव ने लाखों ग्रामीणों के जीवन यापन की सूरत बदल दी.
'हमेशा किया जाएगा याद'
दीपक कुमार सिंह ने कहा कि मनोज श्रीवास्तव के निधन से हमने अपने बीच के सबसे गौरवशाली वरिष्ठ साथी को खो दिया है. जिनकी कमी को कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मनोज श्रीवास्तव उन विरले अधिकारियों में थे. जिन्हें अधिकार से अधिक कर्तव्य की परवाह थी. जितना वे अपनी प्रशासनिक कुशलता के लिए याद किए जाते रहे हैं. उससे कहीं अधिक अपने जन सरोकारों के लिए. वे जहां भी जिस भी पद पर रहे समाज के विभिन्न वर्गों के बीच उन्हें हमेशा आत्मियता से याद किया जाता रहा है.