पटना: राजधानी पटना में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT Offers Phd And Master Degree) एक नई पहल करने जा रहा है. दरअसल एनआईटी पटना तीन अलग-अलग फील्ड में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत करने में जुटी है. इन सभी एक्सीलेंस सेंटर में पीजी और रिसर्च वर्क पर जोर रहेगा. इन तीनों ही एक्सिलेंस सेंटर की शुरुआत एनआईटी पटना के बिहटा स्थित नए कैंपस से शुरू होने जा रही है.
"एनआइटी पटना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी और स्मार्ट मैटेरियल जैसे सब्जेक्ट की शुरुआत की जाएगी. इसके जरिए डेडिकेटेड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की जाएगी. हॉल ऑफ सीनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया जा चुका है".: प्रोफेसर पीके जैन, निदेशक, एनआईटी पटना
एनआइटी में तीन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: एनआईटी पटना के डायरेक्टर प्रोफेसर पीके जैन में कहा कि दरअसल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी और स्मार्ट मैटेरियल जैसे सब्जेक्ट की शुरुआत की जाएगी. इसके जरिए डेडिकेटेड सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत की जाएगी. उन्होंने बताया कि हॉल ऑफ सीनेट की बैठक में इसका निर्णय लिया जा चुका है. सीनेट में इस बात पर भी सहमति बनी कि इन सभी एक्सीलेंस सेंटर की शुरूआत एनआईटी पटना के बिहटा स्थित नए कैंपस में होगी.
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मूल कार्य रिसर्च वर्क: प्रोफेसर पीके जैन ने बताया कि यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मूल कार्य रिसर्च वर्क होता है. इस रिसर्च वर्क से संस्थान के साथ समाज को भी फायदा मिल सकता है. एनआईटी पटना में जिन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत होगी. उसमें सबसे पहले रिसर्च कार्य शुरू किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि रिसर्च कार्य के लिए कुछ प्रोजेक्ट बाहर से भी लिए जाएंगे. उसके बाद आगे चलकर एमटेक की शुरुआत होगी. हमारा मुख्य फोकस एडवांस रिसर्च पर होगा.
स्पेशलाइज रिसर्च और प्रोजेक्ट कार्य: प्रोफेसर पीके जैन ने बताया कि इन तीनों ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्पेशलाइज रिसर्च और प्रोजेक्ट कार्य किए जाएंगे. जिसमें एक्सपर्ट के रूप में अलग-अलग डिपार्टमेंट के फैकल्टी भी जुड़ेंगे. यहां पीएचडी की शुरुआत जुलाई 2024 से ही शुरू हो जाएगी. इन तीनों ही सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में सीटें कितनी होंगी. इसके लिए अभी से ही प्रक्रिया में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सेंटर आम आदमी के लिए भी सुलभ होगा. इस बारे में उन्होंने बताया कि अगर कोई आम आदमी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में किसी कार्य को कर चुका है. वह संस्थान का सदस्य नहीं है. तब भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस उसकी मदद करेगा. इसके साथ ही साथ अगर किसी दूसरे संस्थान का कोई स्टूडेंट रिसर्च वर्क में शामिल होना चाहता है. तब भी एनआईटी प्रबंधन उसे रिसर्च वर्क में शामिल होने का मौका देगा.
अप्लाइ़ड रिसर्च जरुरी: प्रोफेसर पीके जैन ने कहा कि एनआईटी पटना में जो भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत हो रही है. मूल रूप से यह इस एरिया में यहां की समस्याओं और यहां के लोगों के लाभ के लिए अप्लाइड रिसर्च करना है. आज की तारीख में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का एरिया बड़ा हो गया है. यह हमारे रूरल टेक्नोलॉजी के लिए अलग-अलग रूप में कैसे हो? हमलोग स्मार्ट मटेरियल का कैसे प्रयोग में ला सकें. यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस अप्लाइड रिसर्च के लिए होंगे. इसमें हम स्पॉन्सर्ड रिसर्च करेंगे. जिसका उपयोग हमारे इमीडिएट इंडस्ट्री में हो सके. उस विचार को लेकर हम सारे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पर काम करेंगे. अगले एक साल में हमारे सेंटर मूर्त रूप ले लेंगे. जब जुलाई 2024 में हम अपने नए कैंपस में शिफ्ट होंगे तभी यह पूर्ण रूप से वर्किंग मोड में आ जाएगा.