पटना: कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में लगे लॉक डाउन की वजह से सभी धार्मिक स्थलों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया था. 70 दिनों के बाद केंद्रीय गाइडलाइंस के अनुसार 8 जून से देश के सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत मिली है. इसको लेकर बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड के निदेशक अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि केंद्र सरकार के गाइडलाइंस के अनुसार ही सभी धार्मिक स्थलों को खोला जाएगा. धार्मिक स्थलों पर भीड़ ना हो, इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाएगा.
यज्ञ पर पूर्ण तरह से पाबंदी
अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि मंदिर खुलने पर अभी मंदिर के अंदर किसी भी तरह के सांस्कृतिक या धार्मिक प्रोग्राम नहीं होंगे. मंदिर को सिर्फ दर्शनार्थियों के लिए ही खोला गया है. ताकि लोग सिर्फ भगवान के दर्शन कर सकें. मंदिर में लोगों को अभी इकट्ठा करने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. ना ही बैठने की इजाजत दी जाएगी.
वहीं मंदिर में अभी किसी भी प्रकार का यज्ञ या किसी भी तरह के आयोजन पर पूर्ण तरह से पाबंदी है. इस तरह के प्रोग्राम अभी धार्मिक स्थलों पर नहीं होंगे. क्योंकि प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इसलिए अभी यही निर्णय लिया गया है कि 8 जून से मंदिर को खोला जाएगा. लेकिन मंदिर के अंदर भीड़ ना हो इस पर भी हमारी नजर रहेगी.
व्यवसाय नहीं है धार्मिक स्थल
अखिलेश कुमार जैन ने कहा कि कोई भी धार्मिक स्थल या मंदिर कोई व्यवसाय नहीं है कि जहां पर सोचा जाए कि घाटा हुआ या नफा हुआ. श्रद्धालुओं के भक्ति पर ही मंदिर चलता है. यदि हमें एक मंदिर से कोई सूचना प्राप्त हुई है कि वहां के पुजारी, या किसी प्रकार के व्यवस्थापक को कमी हो रही है, उसके लिए बगल के मंदिरों को आदेश दिया जाता है कि उसकी मदद करें. लेकिन अभी तक बोर्ड के पास किसी भी तरह की कोई सूचना नहीं है कि मंदिर में कहीं पुजारी या व्यवस्थापक को कुछ कमी हो रही है.
मंदिरों की बाउंड्री करवाने का प्रावधान
अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि बिहार सरकार के पास मंदिरों को विकसित करने के लिए दो योजना वर्तमान में शुरू हुए हैं. जिसमें बिहार सरकार के अंदर जितने भी मंदिर आते हैं, उन सब की सुरक्षा की दृष्टि को ध्यान में रखते हुए सभी मंदिरों का बाउंड्री करवाने का प्रावधान चल रहा है. इसमें 150 मंदिरों के बाउंड्री वॉल का काम पूरा भी हो चुका है.
सरकार की तरफ से फंड की व्यवस्था
अखिलेश कुमार जैन ने बताया कि मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए राज्य सरकार की तरफ से फंड की व्यवस्था की गई है. बिहार धार्मिक न्यास परिषद के अनुमोदन पर ही दी जाती है. लेकिन अभी तक धार्मिक न्यास परिषद का बोर्ड का गठन नहीं हो पाया है. इसलिए अभी जो स्कीम है, वो सिस्टमैटिक ढंग से शुरू नहीं कर पा रहे हैं. आने वाले समय में बोर्ड का गठन जब हो जाएगा, तो धार्मिक स्थलों को विकसित करने के लिए बोर्ड के पास जो योजना है, वो शुरू करेंगे.