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पटना: पुस्तक मेले में खूब बिक रही हैं धार्मिक पुस्तकें, मनुस्मृति की है काफी डिमांड

राष्ट्रीय पुस्तक मेला के आयोजक अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि इस बार पुस्तक मेला में मनुस्मृति सर्वाधिक बिकी है. कई प्रकाशकों का कहना है कि उनके स्टॉल पर मनुस्मृति की सभी प्रतियां बिक चुकी हैं. इसकी दूसरी स्टॉक भी खत्म हो चुकी है.

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Published : Nov 20, 2019, 3:02 PM IST

पटना

पटना: राजधानी में लगे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में पुस्तकों की खूब बिक्री हो रही है. खासकर धार्मिक पुस्तकें खूब बिक रही हैं. पुस्तक दुकानदार ने बताया कि मनुस्मृति की सर्वाधिक डिमांड है. इसकी सभी प्रतियां बिक चुकी हैं.

पुस्तक मेले में पब्लिकेशन काउंटर पर बैठे रंजन कुमार ने बताया कि उनके अकाउंट से इस बार पुस्तक मेला में चार पुस्तकें बहुत ज्यादा बिक रही है. अपनी हिंदी कैसे सुधारें, मनुस्मृति, मधुशाला और चाणक्य नीति इस बार काफी डिमांड में रही है. इन पुस्तकों की डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी है. कई पुस्तक काउंटरों से खत्म हो चुकी है.

पुस्तक दुकानदार का बयान

ये भी पढ़ें: भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या का बिहार से है खास नाता- आचार्य किशोर कुणाल

मनुस्मृति की है काफी मांग
वहीं, राष्ट्रीय पुस्तक मेला के आयोजक अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि इस बार पुस्तक मेला में मनुस्मृति सर्वाधिक बिकी है. कई प्रकाशकों का कहना है कि उनके स्टॉल पर मनुस्मृति की सभी प्रतियां बिक चुकी हैं. इसकी दूसरी स्टॉक भी खत्म हो चुकी है. इसकी दूसरी स्टॉक भी खत्म हो चुकी है. 200 मनुस्मृति की पुस्तकें थी, जो सभी बिक चुकी हैं.

पटना: राजधानी में लगे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में पुस्तकों की खूब बिक्री हो रही है. खासकर धार्मिक पुस्तकें खूब बिक रही हैं. पुस्तक दुकानदार ने बताया कि मनुस्मृति की सर्वाधिक डिमांड है. इसकी सभी प्रतियां बिक चुकी हैं.

पुस्तक मेले में पब्लिकेशन काउंटर पर बैठे रंजन कुमार ने बताया कि उनके अकाउंट से इस बार पुस्तक मेला में चार पुस्तकें बहुत ज्यादा बिक रही है. अपनी हिंदी कैसे सुधारें, मनुस्मृति, मधुशाला और चाणक्य नीति इस बार काफी डिमांड में रही है. इन पुस्तकों की डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी है. कई पुस्तक काउंटरों से खत्म हो चुकी है.

पुस्तक दुकानदार का बयान

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मनुस्मृति की है काफी मांग
वहीं, राष्ट्रीय पुस्तक मेला के आयोजक अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि इस बार पुस्तक मेला में मनुस्मृति सर्वाधिक बिकी है. कई प्रकाशकों का कहना है कि उनके स्टॉल पर मनुस्मृति की सभी प्रतियां बिक चुकी हैं. इसकी दूसरी स्टॉक भी खत्म हो चुकी है. इसकी दूसरी स्टॉक भी खत्म हो चुकी है. 200 मनुस्मृति की पुस्तकें थी, जो सभी बिक चुकी हैं.

Intro:राजधानी पटना के गांधी मैदान में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेला में धार्मिक पुस्तकों की भरमार है और इस बार मनु स्मृति सर्वाधिक डिमांड में रही है. पुस्तक मेला में मधुशाला और चाणक्य नीति की भी खूब डिमांड रही है. इस बार पुस्तक मेला में अमीश की लिखी हुई पुस्तक सायन ऑफ इक्ष्वाकु की भी काफी डिमांड रही है और यह किताब पिछली बार की तुलना से काफी ज्यादा बिका है.


Body:राष्ट्रीय पुस्तक मेला के आयोजक अशोक प्रियदर्शी ने बताया कि इस बार पुस्तक मेला में मनुस्मृति सर्वाधिक बिकी है. उन्होंने बताया कि कई प्रकाशकों का कहना है कि उनके स्टॉल पर मनुस्मृति की सभी प्रतियां बिक चुकी हैं. उन्होंने बताया कि प्रकाशक बता रहे हैं कि पहले स्टॉक के खत्म होने के बाद मनुस्मृति की दूसरी स्टॉक भी खत्म हो चुकी है. उन्होंने बताया कि लगभग प्रकाशकों के पास से मनुस्मृति की पुस्तकें पूरी बिक चुकी है.


Conclusion:पुस्तक मेला में जागृति पब्लिकेशन के काउंटर पर बैठे रंजन कुमार ने बताया कि उनके अकाउंट से इस बार पुस्तक मेला में चार पुस्तके बहुत ज्यादा बिकी है. उन्होंने बताया कि रविंद्र कुमार की पुस्तक अपनी हिंदी कैसे सुधारें, मनुस्मृति, मधुशाला और चाणक्य नीति इस बार काफी डिमांड में रही है. इन पुस्तकों की डेढ़ सौ से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी है. कई पुस्तक काउंटर से खत्म हो चुके हैं. मनुस्मृति के बारे में रविंद्र कुमार ने बताया कि उनके स्टॉल पर 200 मनुस्मृति की पुस्तके थी जो सभी बिक चुकी हैं और मनुस्मृति का उनका स्टॉक खाली हो चुका है.
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