पटना: बिहार में बाढ़ (Flood) प्रभावित जिलों में पशुओं के लिए पशु राहत शिविर (Animal Relief Camp) खोले गए हैं. इसके साथ ही पशुओं के उपचार के लिए भी उपाय किए गए हैं. उनके लिए चारा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department) ने दावा किया है कि बाढ़ प्रभावित जिलों में 691 बाढ़ सहायता पशु शिविर खोले गए हैं. 101 शिविरों में पशुओं के इलाज की भी व्यवस्था है.
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बाढ़ में अब तक कुल 2 लाख से ज्यादा पशु प्रभावित हुए हैं. सभी राहत केंद्रों के जरिए विभागीय कर्मचारी लगातार पशुपालक तक पशुओं का चारा पहुंचा रहे हैं. विभागीय मंत्री का दावा है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित 18 जिलों में पशुपालकों को कोई दिक्कत नही होने दिया जाएगा.
पशुपालन एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित कई जिलों का हमने दौरा भी किया है और पशुओं के लिए जो राहत केंद्र लगाए गए हैं उसे भी हमने देखा है. लगभग सभी शिविरों में पशु चारा उपलब्ध है. जो लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में अपने पशुओं को अपने घर में रखे हुए हैं, उन्हें भी पशु राहत शिविर पर आने के बाद चारा मुफ्त में दिया जा रहा है.
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''बिहार में पशुपालक चाहे वो मुर्गी पालक, मछली पालक या गाय, भैंस, बकरी पालने वाले लोग हों किसी को भी किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. सभी को विभाग के द्वारा आर्थिक सहायता की जाएगी.''- मुकेश सहनी, मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
साथ ही जिन पशुपालकों के पशु बाढ़ में मर चुके हैं, उन्हें भी हम लोग आर्थिक सहायता दे रहे हैं. बड़े पशुओं के लिए 30 हजार रुपये और छोटे पशुओं के लिए 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सरकार के द्वारा दी जा रही है. कई जिलों में इसे लेकर आवेदन भी आ रहे हैं. जैसे-जैसे आवेदन आ रहे हैं, वैसे-वैसे पशुपालक भाइयों को आर्थिक सहायता भी मिल रही है.