पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. हालांकि राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तमाम दावे कर रही है. कोरोना मरीजों के समुचित इलाज के लिए अस्पतालों में बेड बढ़ाने की बात कही जा रही है. लेकिन एनएमसीएच में ठीक इसके उलट मामला देखने को मिल रहा है. यहां पर रजिस्ट्रेशन बंद, बेड की सुविधा उपलब्ध नहीं का बोर्ड टांग दिया गया है.
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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा था कि राज्य में कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था है. कई जिलों में अस्पतालों को कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाया गया है. साथ ही पटना में मरीजों के लिए बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी. फिलहाल ऐसा एनएमसीएच में तो देखने को नहीं मिल रहा है.
"स्वास्थ्य विभाग कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर पूरी तरह से सचेत और सतर्क है. देश में जब कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही थी तभी से ही राज्य में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट की सुविधा पर विशेष जोर दिया जा रहा है. यहां पर ये सभी तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं. साथ ही उसको बेहतर करने के सारे प्रबंध किए गए हैं. इसी का परिणाम है कि पिछले 10 से 12 दिनों में जब पॉजिटिव केस में काफी इजाफा हुआ तब भी काफी मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा दी जा रही है. साधन और सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है. प्राइवेट अस्पतालों में भी लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं. होम क्वारंटाइन वाले लोगों के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा जा रहा है. लोगों के घर पर दवाईयां पहुंचाई जा रही हैं."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार सरकार
पप्पू यादव ने लिया स्थिति का जायजा
हालांकि जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने एनएमसीएच का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह से मिलकर काफी बातचीत की. उन्होंने इस बोर्ड लगाने पर सवाल किया कि नए मरीजों का इलाज कैसे होगा ? नए मरीज कहां भर्ती होंगे ?
'अधिक संख्या में आ रहे हैं मरीज'
इस पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि इस बार अधिक संख्या में कोरोना के मरीज आ रहे हैं. वहीं जो भी मरीज आ रहे हैं, उन्हें ऑक्सीजन की रिक्वायरमेंट है. पिछली बार के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती थी. लेकिन इस बार ज्यादातर सिरियस मरीज आ रहे हैं. जब तक वो ठीक हो रहे हैं, तब तक मरीजों की लिस्ट काफ लंबी हो जा रही है. इसी वजह से यहां पर नोटिस बोर्ड लगाना पड़ा है.