पटना: अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश वापस ले जाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है. ऐसे में ट्रेन देरी से पहुंच रही हैं. मीडिया रिपोर्ट की माने, तो ये ट्रेनें बिहार की जगह महाराष्ट्र पहुंच गईं या बेंगलुरू. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह ऐसी खबर है कि कुल 40 ट्रेनें अपना रास्ता भटक गईं हैं.
बिहार में हर रोज प्रवासी मजदूरों को लेकर तकरीबन 100 ट्रेनें आ रही हैं. ऐसे में लाखों की संख्या में हर रोज प्रवासी बिहार आ रहे हैं. ट्रेनों के परिचालन को लेकर हो रही देरी पर प्रवासी मजदूर आक्रोशित दिख रहे हैं. जहां आंध्र प्रदेश के स्टेशन पर मजदूर ट्रेन का इंतजार करते दिखे. वहीं, ट्रेन पर सवार मजदूर अपने घर जल्दी पहुंचने के इंतजार में दिख रहे हैं. माने ट्रेनों की लेटलतीफी भी जारी है.
पढ़ें ये खबर- प्रवासी मजदूरों ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर की तोड़फोड़, ट्रेन लेट होने से थे नाराज
जानकारी मुताबिक गुजरात के सूरत से 16 मई को 1 हजार 966 मजदूरों को लेकर सीवान के लिए चली ट्रेन रास्ता भटक गई. ट्रेन को बिहार जाना था और इसके बजाय वो उड़ीसा के राउरकेला पहुंच गई. इस ट्रेन को 18 मई को बिहार पहुंचना था. लेकिन यह 9 दिन बाद सीवान पहुंची.
ट्रेन पहुंची पुरुलिया
इसी तरह एक और श्रमिक स्पेशल ट्रेन बेंगलुरु से करीब 1 हजार 450 लोगों को लेकर यूपी के बस्ती के लिए रवाना हुई थी. लेकिन ट्रेन का रूट व्यस्त होने की वजह से यह पुरुलिया पहुंच गई. इस बाबत भारतीय रेलवे ने प्रतिक्रिया दी है.
पढ़ें- तय समय से 15 घंटे लेट मधुबनी पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन, महाराष्ट्र से हुई थी रवाना
रास्ता नहीं भटक रही ट्रेन
भारतीय रेलवे की माने, तो हर दिन 200 श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी जा रही हैं. ऐसे में रेल रूट ज्याद व्यस्त हो रहा है. ट्रेन अपना रास्ता नहीं भटक रहीं हैं. उनका रूट डायवर्ट किया जा रहा है.