पटना: बात चाहे दिल्ली की हो या फिर बिहार की. दोनों जगह विपक्ष की बोलती बंद है. दिल्ली माने केंद्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के बाद अपने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. उसके बाद से कांग्रेस बिना नेतृत्व के ही चल रही है. वहीं, बिहार की बात करें तो चुनावी नतीजों के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी लगातार गायब हैं.
बिहार में विपक्ष के नाम पर एक खानापूर्ति चल रही है. कुछ ऐसे ही हाल केंद्र का भी है, जहां राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस बिना नेता के विपक्ष होने का कर्तव्य निभा रही है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद राहुल गांधी ने हताशा में कांग्रेस अध्यक्ष पद का त्याग कर दिया और इधर बिहार में अप्रत्याशित हार से निराश तेजस्वी यादव लगातार बिहार से बाहर रह रहे हैं. एक-दो दिनों के लिए वो बिहार विधानसभा में दिखाई जरूर दिए लेकिन वो सक्रिय रूप से नजर नहीं आए.
राजद का जवाब...
इस बाबत राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि हां हेडलेस विपक्ष है. हमारे ही यहां नहीं, केंद्र में भी और यूपी में भी विपक्ष गायब है. केंद्र में विपक्ष कमजोर है. तिवारी ने कहा,'राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद से कांग्रेस की हालत खराब है.
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RJD का वार- 'RSS की विचारधारा पर चलने लगी JDU, बौखलाहट में हैं आरसीपी सिंह' https://t.co/axiqyVli70
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विपक्ष होना जरूरी-बीजेपी
बिहार सरकार के नेता सह बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने कहा कि जब बैठे-बिठाए चांदी का चम्मच पकड़ा कर किसी को जबरदस्ती नेता बनाया जाएगा, तो यही हश्र होगा. जब बड़े-बड़े धुरंधर नेता पार्टी में मौजूद हो तो फिर क्या जरूरत है राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे लोगों को पार्टी का नेतृत्व करने की.