पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने सोमवार को गूगल मीट और फेसबुक लाइव के जरिए किसान प्रकोष्ठ से संवाद किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कृषि के विकास का जो संकल्प लिया था, उसके लिए अच्छी नीति बनाई, नई तकनीक और प्रशिक्षण के साथ किसानों को संसाधन भी मुहैया करवाया. इससे राज्य में कृषि का कायाकल्प हो गया है.
इसके अलावा आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार की जमीन वही है, किसान वही हैं, बस 2005 के बाद नीति और नेतृत्व बदलने से कृषि में काफी सुधार हो गया है. बिहार की लगभग 80 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. कृषि विभाग का बजट 2005 में मात्र 16 करोड़ था. आज 2020-21 में वही बजट 3152 करोड़ का है और पशुपालन के साथ मत्स्यपालन के लिए 1178 करोड़ का बजट अतिरिक्त रूप से है.
कृषि रोड मैप बना वरदान
आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सपना था कि देश की हर थाली में बिहार का एक व्यंजन हो और इसके लिए कृषि रोडमैप वरदान साबित हुआ. 2008-12 के पहले कृषि रोडमैप का बजट जहां 7062.92 करोड़ था. वहीं 2012-17 के दूसरे कृषि रोडमैप का 1.29 लाख करोड़ और 2017-22 के तीसरे कृषि रोडमैप का 1.54 लाख करोड़ कर दिया गया. हर रोडमैप से पहले सीएम ने किसानों से सीधा संवाद किया और उसी के आधार पर नीति बनाई. इसका परिणाम यह हुआ कि बिहार में धान के उत्पादन में 130 फीसदी, गेहूं के उत्पादन में 116 फीसदी और मक्का के उत्पादन में 184 फीसदी की वृद्धि हुई.
'इन मामलों में हम हैं आगे'
इसके साथ ही आरसीपी सिंह ने कहा कि फसलों के साथ अंडा के उत्पादन में 138 फीसदी और मीट के उत्पादन में 19 फीसदी की वृद्धि हुई. मछली के उत्पादन में हम लगभग आत्मनिर्भर हो चुके हैं. दूध के उत्पादन में भी 18 फीसदी की वृद्धि हुई है. वहीं, सब्जी के उत्पादन में हम अभी तीसरे नंबर पर हैं और बहुत जल्द दूसरे नंबर पर होंगे. शहद के उत्पादन के क्षेत्र में भी हम पहले से बहुत आगे हैं. इन तमाम उपलब्धियों के लिए हमें अपने नेता पर गर्व होना चाहिए.
‘जमीन से संबंधित कुछ बातों पर रखें ध्यान’
इस संवाद कार्यक्रम में आरसीपी सिंह ने किसान प्रकोष्ठ के सभी साथियों से कहा कि वे तीन-चार बातों का अच्छे से ध्यान रखें और किसानों को इन बातों से अवगत करवा दें.
- पहला अपनी जमीन का कागज और रिकॉर्ड सही रखें. जमीन पर अपने मालिकाना हक का सबूत आपके पास जरूर हों.
- दूसरा यह जानें कि अब किसान की परिभाषा में सिर्फ किसान नहीं बल्कि सभी बटाईदार भी किसान हैं. और किसानों की तरह ही सभी सुविधाओं के हकदार हैं. इसका अधिक से अधिक प्रचार करें.
- तीसरा बैंक में खाता जरूर खुलवा लें और उसे आधार से लिंक करवा दें, ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ सीधा आप तक पहुंचे. किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं पड़े.
- चौथा आपकी जमीन प्रखंड में सिंचित के रूप में दर्ज है या असिंचित के रूप में, इसकी जानकारी जरूर रखें.
सीएम करते हैं अपने वादे पूरे-आरसीपी सिंह
आरसीपी सिंह ने कहा कि प्रकोष्ठ के साथी इस बात का भी ध्यान रखें कि ऑनलाइन योजनाओं का लाभ कैसे किसानों तक पहुंचे. यह जानकारी भी लोगों तक पहुंचाएं कि अब पारिवारिक बंटवारा मात्र 100 रुपये में संभव है. साथ ही अब किसान आपसी सहमति से जमीन की अदला-बदली करना चाहें तो यह सुविधा भी मात्र 100 रुपये में संभव है. इसके अलावा आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार जो कहते हैं वो पूरा करते हैं. उन्होंने बिजली का वादा पूरा किया. कृषि के लिए भी अलग से फीडर की व्यवस्था की. आज गंगा का पानी गया तक पहुंचाया जा रहा है. इसी तरह अब उन्होंने वादा किया है कि अगली बार हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएंगे तो उसे हर हाल में पूरा करेंगे.
विधानसभा चुनाव में जीत पक्की करने की अपील
किसान प्रकोष्ठ के साथियों से आह्वान करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि आपके नेता हर सुख-दुख में आपके साथ खड़े रहते हैं. कोरोना महामारी के समय में भी उन्होंने हर लोगों के खाते में हरसंभव सहायता पहुंचाने के साथ ही आपको फसल क्षति का अनुदान भी दिया. आज आपके लिए संभावनाओं के अनगिनत गेट खोले गए हैं. ऐसे नेता को मजबूती देना हमारा काम है. आप उनके सारे कार्यों को एक-एक बूथ तक पहुंचाएं. इससे सभी 243 सीटों पर हमारी जीत होगी.
'कई चीजों के उत्पादन में चीन को पीछे छोड़ दिया'
इसके साथ ही आरसीपी सिंह ने कहा कि आगामी 7 अगस्त की वर्चुअल रैली को ऐतिहासिक बनाने और 9 अगस्त को पृथ्वी दिवस के दिन कम-से-कम दो पेड़ लगाने की अपील की. इस मौके पर किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि पहले 40 बीघे में 400 मन धान होता था, आज 10 बीघे में 400 मन धान होता है. आज हम कई चीजों के उत्पादन में चीन को पीछे छोड़ चुके हैं. कृषि फीडर, डीजल अनुदान और फसल क्षति अनुदान जैसी सुविधाओं के बारे में हम 15 साल पहले सोच भी नहीं सकते थे. आज यह सब हमारे नेता की बदौलत संभव हुआ है.