पटनाः गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी दिवस वाले ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद उनके बचाव में दिखे. पटना में एक कार्यक्रम में पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि अमित शाह का ट्वीट देखिए, उसमें हिंदी का सम्मान है, भारत की विविधता का सम्मान है और सारी भाषाओं का भी सम्मान है. हमारे प्रधानमंत्री बार-बार कहते हैं कि सभी को हिंदी सीखनी चाहिए और उत्तर भारत के सभी विद्यार्थी भी दक्षिण भारत की एक भाषा सीखें. उन्होंने कहा कि 'अलग भाषा, अलग भेष, फिर भी अपना एक देश'.
'पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक'
हिंदी दिवस पर किए ट्वीट के बाद गृह मंत्री अमित शाह सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे थे. उनके ट्वीट के बाद पूरा सोशल मीडिया दो खेमों में बट गया. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि 'भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है, जो विश्व में भारत की पहचान बने. आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है'
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भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है परन्तु पूरे देश की एक भाषा होना अत्यंत आवश्यक है जो विश्व में भारत की पहचान बने। आज देश को एकता की डोर में बाँधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोले जाने वाली हिंदी भाषा ही है। pic.twitter.com/hrk1ktpDCn
— Amit Shah (@AmitShah) September 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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'हिन्दी सभी भारतीयों की मातृभाषा नहीं'
इस पर गैर हिंदी भाषी राज्यों ने कड़ी आपत्ति जताई थी. हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर कहा कि 'हिन्दी सभी भारतीयों की मातृभाषा नहीं है. क्या हम विविधता और अन्य मातृभाषाओं की खूबसूरती को प्रोत्साहित नहीं कर सकते हैं? संविधान के अनुच्छेद 29 से सभी भारतीयों को अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति को अपनाने का अधिकार मिला हुआ है. भारत हिन्दी, हिन्दू और हिन्दुत्व से बहुत बड़ा है.'
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Hindi isn't every Indian's "mother tongue". Could you try appreciating the diversity & beauty of the many mother tongues that dot this land? Article 29 gives every Indian the right to a distinct language, script & culture.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 14, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
India's much bigger than Hindi, Hindu, Hindutva https://t.co/YMVjNlaYry
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'हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करें'
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के मुद्दे पर अनेक नेताओं ने सवाल उठाए थे. जिसमें बिहार रालोसपा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि हिंदी को जब तक राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसे ही सवाल उठते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हिंदी राजभाषा है, यह संविधान में भी वर्णित है.