पटना: लॉकडाउन से गरीबों की रोजी-रोटी पर आए संकट को देखते हुए सरकार ने निशुल्क राशन देने की घोषणा की थी. सरकार की तरफ से लगातार यह दावा किया जा रहा है कि गरीबों को 3 महीने का मुक्त राशन दिया जा रहा है, लेकिन इसकी हकीकत जानने के लिए ईटीवी की टीम जब गरीबों की बस्ती में पहुंची, तो पता चला कि मुफ्त राशन के नाम पर सिर्फ 5 किलो चावल ही मिल रहा है.
'खाने लायक नहीं मिला चावल'
राजधानी के कलेक्ट्रेट के पास स्थित वार्ड नंबर-27 के सिपाही घाट में रहने वाली राशन कार्डधारी समुद्री देवी ने ईटीवी से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि लोग बता रहे थे कि 3 महीने का मुफ्त राशन मिलेगा, लेकिन पार्षद की ओर से पीडीएस दुकानदार ने सिर्फ 5 किलो चावल और गेहूं मुहैया कराया है. उन्होंने बताया कि गेहूं का पैसा लिया गया है जबकि सिर्फ चावल ही मुफ्त दिया गया है. उन्होंने बताया कि जो चावल मिला है. वो टूटा हुआ अरवा चावल है, जो खाने लायक नहीं है.
'चावल में है बहुत ज्यादा कंकड़'
एक महिला ने बताया कि 3 महीने का राशन मुफ्त मिलने की बात सुन रही थी, लेकिन उन्हें इस बार फिर से गेहूं और चावल ही मिला है. उन्होंने बताया कि गेहूं का पैसा लिया गया है और सिर्फ चावल मुफ्त में मिला है, जो चावल मिला है वो काफी टूटे हुए हैं और उनमें बहुत ज्यादा कंकड़ हैं. उन्होंने बताया कि दाल, चीनी, तेल, नमक आदि कुछ भी नहीं मिला है. 15 किलो गेहूं के लिए 65 रुपये लिया गया है, जबकि चावल का कोई पैसा नहीं लिया गया.
गरीबों की शिकायत पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत
लॉकडाउन में सरकार जहां एक ओर लगातार गरीबों को 3 महीने का राशन मुफ्त मुहैया कराने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर धरातल पर मामला कुछ और नजर आ रहा है. राशन कार्डधारी गरीबों को सिर्फ मुफ्त में अरवा चावल दिया जा रहा है, जिसको लेकर गरीबों की शिकायत है कि ये चावल खाने लायक नहीं है और इनमें कंकड़ और भूसा ज्यादा है.