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बोले रामविलास पासवान- 'कांग्रेस की ओर से लगाए गए आपातकाल को याद कर दिल दहल उठता है'

एलजेपी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान ने आपातकाल के 45 साल बीतने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जब भी इस दिन को याद करता हूं, तो दिल दहल उठता है.

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Published : Jun 25, 2020, 4:06 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 5:02 PM IST

नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान ने आपातकाल के 45 साल बीतने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 45 साल पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से लगाए गए आपातकाल को याद कर दिल दहल उठता है. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी बाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर सहित विपक्ष के सभी वरिष्ठ नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया. लोकतंत्र को पूरी तरह कुचल दिया गया.

रामविलास ने कहा कि जेपी के संबंध में राष्ट्रकवि दिनकर ने कहा था, "वह सुनो, भविष्य पुकार रहा, 'वह दलित देश का त्राता है, स्वप्नों का दृष्टा 'जयप्रकाश' भारत का भाग्यविधाता है." कहते हैं उसको "जयप्रकाश" जो नहीं मरण से डरता है, ज्वाला को बुझते देख, कुण्ड में स्वयं कूद जो पड़ता है.
'आपातकाल का मुखर विरोधी को नमन'
एलजेपी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि उस समय मेरे जैसे लाखों युवा देशभर की जेलों में बंद थे. कुछ पता नहीं था कि कब तक जेल की यातना भोगनी होगी. लेकिन प्रकृति का नियम है कि पूरब में उगने वाला सूर्य, शाम होते होते पश्चिम में ढल जाता है. उन्होंने कहा कि आपातकाल का मुखर विरोध करने वाले उन करोड़ों राष्ट्रभक्तों का कोटि कोटि अभिनंदन.

नई दिल्ली/पटना: केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान ने आपातकाल के 45 साल बीतने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 45 साल पहले तत्कालीन कांग्रेस सरकार की ओर से लगाए गए आपातकाल को याद कर दिल दहल उठता है. उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी बाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर सहित विपक्ष के सभी वरिष्ठ नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया. लोकतंत्र को पूरी तरह कुचल दिया गया.

रामविलास ने कहा कि जेपी के संबंध में राष्ट्रकवि दिनकर ने कहा था, "वह सुनो, भविष्य पुकार रहा, 'वह दलित देश का त्राता है, स्वप्नों का दृष्टा 'जयप्रकाश' भारत का भाग्यविधाता है." कहते हैं उसको "जयप्रकाश" जो नहीं मरण से डरता है, ज्वाला को बुझते देख, कुण्ड में स्वयं कूद जो पड़ता है.
'आपातकाल का मुखर विरोधी को नमन'
एलजेपी के वरिष्ठ नेता ने बताया कि उस समय मेरे जैसे लाखों युवा देशभर की जेलों में बंद थे. कुछ पता नहीं था कि कब तक जेल की यातना भोगनी होगी. लेकिन प्रकृति का नियम है कि पूरब में उगने वाला सूर्य, शाम होते होते पश्चिम में ढल जाता है. उन्होंने कहा कि आपातकाल का मुखर विरोध करने वाले उन करोड़ों राष्ट्रभक्तों का कोटि कोटि अभिनंदन.

Last Updated : Jun 25, 2020, 5:02 PM IST
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