पटनाः पूरे देश में आज भाई-बहनों का पर्व रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है. बिहार में भी रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना कर रही हैं. इस बार रक्षाबंधन सावन की आखिरी सोमवारी के दिन हो रहा है. इसलिए लोग भगवान शिव की अराधना भी कर रहे हैं.
भाई बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन
कोरोना महामारी के बीच आज सावन की आखिरी सोमवारी और भाई बहनों का पवित्र पर्व रक्षाबंधन दोनों की धूम है. लोगों में उत्साह है. बहनें अपने भाइयों के लिए राखी का थाल सजाने में व्यस्त हैं. इस बार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. जिसमें बहनें भाइयों को राखी बांध सकती हैं.
भाई की लंबी उम्र की हो रही प्राथना
इस मौके पर बहनें अपने भाइयों की कलाइ पर रंग बिरंगी राखी बांधकर उनके स्वस्थ और सफलता की कामना कर रही हैं, साथ ही भाई भी अपने बहनों की रक्षा करने का वचन दे रहे हैं. विशेष रूप से कोरोना महामारी के इस दौर में बहनें भाई की सेहत और सलामती के लिए भागवान से खास प्राथना कर रही हैं.
आज है सानव की आखिरी सोमवारी
वहीं, इस बार सावन में पांच सोमवारी का योग बना है. आज सानव की आखिरी सोमवारी है. ज्यादातर लोग अपने घरों पर ही शिव की अराधना कर रहे हैं. जबकि कई जगहों पर लोग मंदिर में पहुंच कर सावन की आखिरी सोमवारी में भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं. कई जगहों पर बंद मंदिरों के गेट पर ही लोग जलाभिषेक कर रहे हैं.
सुख और शांति की हो रही है कामना
दरअसल, इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए धार्मिक स्थलों पर ताला लगे होने के कारण श्रद्धालु घरों और गली मोहल्लों के छोटे मंदिरों, बंद मंदिरों के पटों के पास भी भोलेनाथ को दूध, दही, गंगाजल से अभिषेक कर रहें है. इस दौरान श्रद्धालु भगवान से इस महामारी से जल्द मुक्ति दिलाने की प्राथना कर रहे हैं और देश में सुख और शांति की कामना की जा रही है.
भारतीय धर्म और संस्कृति की पहचान
बता दें कि भारतीय धर्म और संस्कृति के अनुसार रक्षा बंधन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है. राखी भाई-बहन, गुरु-शिष्य, प्रकृति और मनुष्य के बीच स्नेह और तारतम्य स्थापित करने का त्योहार है. यह अपनी बहनों, परिवार, कमजोर, असहाय और देश की सुरक्षा के संकल्प का त्योहार है.
धार्मिक मान्यता है कि मां लक्ष्मी ने भी पाताल लोक जाकर राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें भाई बनाया था. राणी कर्णवती ने राजा हुमायूं को रक्षा के लिये राखी भेजी थी.
रक्षाबंधन पर पूजा की विधि
- रक्षाबंधन के दिन सबसे पहले नहा धोकर राखी की थाली सजाएं
- पूजा की थाली में राखी, कुमकुम, अक्षत, रोली, पीली सरसों के बीज और दीपक रखें
- इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र राखी बांधें
- राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें, फिर भाई को मिठाई खिलाएं
- अगर भाई बड़े हैं तो चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें
- बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए
- राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्छा और सामर्थ्य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए