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तीन तलाक बिल: राज्यसभा से मंजूरी के बाद समर्थन के साथ-साथ उठ रहे ये सवाल

तीन तलाक बिल राज्यसभा से पास हो गया है. इस पर राज्य के विभिन्न हिस्सों से अलग अलग प्रतिक्रियां सामने आ रही है. कई लोग इसका समर्थन कर रहे है, तो कई ने इसक विरोध किया है.

तीन तलाक बिल पर पटना में महिलाओं ने जताई खुशी
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Published : Jul 31, 2019, 9:59 PM IST

पटना: तीन तलाक बिल मंगलवार को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इस बिल पर अब सिर्फ राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है. इसके बाद ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा. लेकिन इस कानून पर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

महिलाओं ने खुशी जतायी
एक ओर जहां बिल पास होते ही राजधानी के बीजेपी ऑफिस पहुंचकर मुस्लिम महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर और मिठाई खिलाकर बिल पास होने की खुशी जताई. इस दौरान महिलाओं ने खुशी जतायी और कहा कि इस बिल के पारित होने से महिलाएं सशक्त होगी. हालांकि ये सवाल भी उठा की तीन तलाक से आजादी तो मिल गई लेकिन उसका दंश झेल रही महिलाओं और उनके बच्चों का भविष्य अब क्या है. महिलाओं ने कहा कि सरकार को इस ओर भी कदम उठाना चाहिए.

पटना में महिलाओं ने जताई खुशी

'बिल में हो संशोधन'
वहीं राजधानी के कुछ छात्र-छात्रा तीन तलाक बिल का विरोध करते नजर आए. कई स्टूडेंट्स ने बिल को गलत ठहराते हुए सरकार की ओर से मुस्लिम संप्रदाय पर इस तीन तलाक बिल को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाया. छात्राओं ने अपनी राय में कहा कि बिल में संशोधन होना चाहिए, क्योंकि इस्लाम में शादी कॉन्ट्रैक्ट होता है. इसे समय देना जरूरी है. जब शादी दो लोगों की रजामंदी से होती है तो तलाक भी दो लोगों की रजामंदी से ही होनी चाहिए.

पटना में छात्र-छात्राओं ने जताया विरोध

'इस्लामी शरिया को ही तवज्जो'
सासाराम में कई महिलाओं ने इस कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है. उनका कहना है कि वह सिर्फ इस्लामी शरिया को ही कानून मानेगी वे तीन तलाक जैसे कानून को कोई तवज्जो नहीं देंगी. इस दौरान जदयू महासचिव रेहाना खातून ने भी इस तीन तलाक बिल का पुरजोर विरोध किया साथ ही उन्होंने कहा कि यह बिल घर में ही फूट डालने वाला है. यह बेतुका कानून है. हम इसे बिल्कुल नहीं मानेंगे.

सासाराम से तीन तलाक बिल पर प्रतिक्रिया

सरकार की अच्छी पहल
किशनगंज में तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर देखने को मिली. महिलाओं ने इसे मोदी सरकार की अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून लागू हो जाने से छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक कह कर घर से बेदखल करने वाले लोग अब इससे डरेंगे. मोदी सरकार की ओर से बनाये गए कानून से अब पत्नी भी कानून का सहारा लेकर तीन तलाक देने वाले पति पर कार्रवाई कर पाएगी.

किशनगंज में महिलाओं ने जताई खुशी

बेहद जरूरी कदम
किशनगंज भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष टीटू बडवाल ने बताया की यह खुशी का मौका है. मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए इस बिल को पास किया है. यह बेहद जरूरी कदम था. उन्होंने कहा कि 24 से ज्यादा इस्लामिक देशों में तीन तलाक को बहुत पहले ही असंवैधानिक और गैर इस्लामिक करार दिया जा चुका है. देर से ही सही 2019 में भारत में भी मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक बिल को पारित कर दिया गया.

'किसी की भी जाति और धर्म से खिलवाड़ करना ठीक नहीं'
दूसरी ओर गया के बेलागंज विधानसभा से राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने तीन तलाक बिल का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि राजद तीन तलाक बिल का कड़ा विरोध करता है, हम इसकी घोर निंदा करते है. किसी की भी जाति और धर्म से खिलवाड़ करना ठीक नहीं.

डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव, विधायक, RJD

'नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया'
वहीं जदयू के तीन तलाक बिल का विरोध करने पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया है. एक तरफ वे एनडीए में भाजपा के साथ बने हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं. वे मुसलमानों की सहानुभूति लेकर वोट लेना चाहते हैं. नीतीश कुमार वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन हमारे देश के मुसलमान पढ़े-लिखे हैं, वे उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं.

पटना: तीन तलाक बिल मंगलवार को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इस बिल पर अब सिर्फ राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है. इसके बाद ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा. लेकिन इस कानून पर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

महिलाओं ने खुशी जतायी
एक ओर जहां बिल पास होते ही राजधानी के बीजेपी ऑफिस पहुंचकर मुस्लिम महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर और मिठाई खिलाकर बिल पास होने की खुशी जताई. इस दौरान महिलाओं ने खुशी जतायी और कहा कि इस बिल के पारित होने से महिलाएं सशक्त होगी. हालांकि ये सवाल भी उठा की तीन तलाक से आजादी तो मिल गई लेकिन उसका दंश झेल रही महिलाओं और उनके बच्चों का भविष्य अब क्या है. महिलाओं ने कहा कि सरकार को इस ओर भी कदम उठाना चाहिए.

पटना में महिलाओं ने जताई खुशी

'बिल में हो संशोधन'
वहीं राजधानी के कुछ छात्र-छात्रा तीन तलाक बिल का विरोध करते नजर आए. कई स्टूडेंट्स ने बिल को गलत ठहराते हुए सरकार की ओर से मुस्लिम संप्रदाय पर इस तीन तलाक बिल को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाया. छात्राओं ने अपनी राय में कहा कि बिल में संशोधन होना चाहिए, क्योंकि इस्लाम में शादी कॉन्ट्रैक्ट होता है. इसे समय देना जरूरी है. जब शादी दो लोगों की रजामंदी से होती है तो तलाक भी दो लोगों की रजामंदी से ही होनी चाहिए.

पटना में छात्र-छात्राओं ने जताया विरोध

'इस्लामी शरिया को ही तवज्जो'
सासाराम में कई महिलाओं ने इस कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है. उनका कहना है कि वह सिर्फ इस्लामी शरिया को ही कानून मानेगी वे तीन तलाक जैसे कानून को कोई तवज्जो नहीं देंगी. इस दौरान जदयू महासचिव रेहाना खातून ने भी इस तीन तलाक बिल का पुरजोर विरोध किया साथ ही उन्होंने कहा कि यह बिल घर में ही फूट डालने वाला है. यह बेतुका कानून है. हम इसे बिल्कुल नहीं मानेंगे.

सासाराम से तीन तलाक बिल पर प्रतिक्रिया

सरकार की अच्छी पहल
किशनगंज में तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर देखने को मिली. महिलाओं ने इसे मोदी सरकार की अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून लागू हो जाने से छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक कह कर घर से बेदखल करने वाले लोग अब इससे डरेंगे. मोदी सरकार की ओर से बनाये गए कानून से अब पत्नी भी कानून का सहारा लेकर तीन तलाक देने वाले पति पर कार्रवाई कर पाएगी.

किशनगंज में महिलाओं ने जताई खुशी

बेहद जरूरी कदम
किशनगंज भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष टीटू बडवाल ने बताया की यह खुशी का मौका है. मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए इस बिल को पास किया है. यह बेहद जरूरी कदम था. उन्होंने कहा कि 24 से ज्यादा इस्लामिक देशों में तीन तलाक को बहुत पहले ही असंवैधानिक और गैर इस्लामिक करार दिया जा चुका है. देर से ही सही 2019 में भारत में भी मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक बिल को पारित कर दिया गया.

'किसी की भी जाति और धर्म से खिलवाड़ करना ठीक नहीं'
दूसरी ओर गया के बेलागंज विधानसभा से राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने तीन तलाक बिल का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि राजद तीन तलाक बिल का कड़ा विरोध करता है, हम इसकी घोर निंदा करते है. किसी की भी जाति और धर्म से खिलवाड़ करना ठीक नहीं.

डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव, विधायक, RJD

'नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया'
वहीं जदयू के तीन तलाक बिल का विरोध करने पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया है. एक तरफ वे एनडीए में भाजपा के साथ बने हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं. वे मुसलमानों की सहानुभूति लेकर वोट लेना चाहते हैं. नीतीश कुमार वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन हमारे देश के मुसलमान पढ़े-लिखे हैं, वे उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं.

Intro:मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज मे तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी का लहर। मुस्लिम महिलाओं ने इसे मोदी सरकार की अच्छी पहल बताया कहा इस कानून लागू हो जाने से मुस्लिम महिलाओं को जिस तरह छोटे छोटे बातो पर तीन तलाक कह कर घर से बेदखली कर दिया जाता था।और परेशान करने के साथ साथ परदेसो मे रहने वाले पति भी पत्नी को फोन में तीन तलाक दे देता था। लेकिन मोदी सरकार द्वारा बनाये गए कानून से अब लोग डरगे।पत्नी अब कानून का सहायता लेकर तीन तलाक देने वाले पति पर कारवाई भी कर पायेंगे। अब कोई मुस्लिम पति अपने पत्नी को मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रॉनिक रूप से या किसी अन्य माध्यम से तीन तलाक देता है। तो उसकी ऐसा कोई भी उद्घोषणा सुनो और अवैध होगी ।इस कानून में यह भी प्रावधान किया गया है कि तीन तलाक से पीड़ित महिला अपने पति से स्वयं और अपनी आश्रित संतान के लिए निर्वाह भत्ता प्राप्त पाने का हकदार होगी। इस रकम को मजिस्ट्रेट निर्धारित करेगा।


बाइटः टीटू बडवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा
बाइटः मुस्लिम महिलाएं।


Body:इस कानून को लेकर इटीवी भारत ने मुस्लिम महिलाओं से बात की तो महिलाओं ने इस कानून को महिलाओं के हीत मे अच्छी कानून बताया। गुड़िया ने बताया बहुत अच्छा हुआ ये जो फोन पर बोल देते थे तीन तलाक दे दिये।ऐसा अब कुछ नहीं होगा। मर्दलोग झगड़ा होने पर जो तलाक का प्रथा बना रखा था अब नहीं होगा।अब हमलोग खूश रहंगे।
शाहिदा बेगम ने बताया इस कानून से हमलोगों को बहुत फायदा है।हर बात पर तलाक देने वाले मर्दों से अब महिलाएं नहीं डरगे।पति के साथ डटकर मुकाबला करंगे।तलाक देने पर अब हमलोग कानून का सहारा लेंगे। बानो प्रवीण, सेयरा खातून, रुबी, नुसरत, आमना ने बताया मोदी सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत भलाई किया है।सबकी बेटी बराबर है।किसी बेटी के साथ अत्याचार, जुल्म होना अच्छी बात नहीं है।अबतक मजबूरन तलाक देने के बाद भी चुपचाप सहन करना पड़ता था लेकिन मुस्लिम महिलाएं अब अपने हक की लड़ाई कानून के सहारे लड़ पायेंगे।जुल्म करने वाले पति को जरूरत होने पर सलाखों पिछे भी भेजने की ताकत मोदी सरकार ने हमलोगों को दे दिया है।


Conclusion:वहीं भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष टीटू बडवाल ने बताया की खुशी का दिन है। मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए ये बिल बहुत जरूरी था।बताया की 24 से ज्यादा इस्लामिक देश में तीन तलाक को बहुत पहले ही असंवैधानिक और गैर इस्लामिक करार दिया जा चुका है।यहां तक की दुश्मन देश पाकिस्तान मे तो 1956 मे ही तीन तलाक को बैन कर दिया गया है।लेकिन देर से ही सही 2019 मे भारत में भी मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक बिल को पारित कर दिया गया।
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