पटना: तीन तलाक बिल मंगलवार को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हो गया. इस बिल पर अब सिर्फ राष्ट्रपति की मुहर लगनी बाकी है. इसके बाद ही यह कानून प्रभावी हो जाएगा. लेकिन इस कानून पर मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है.
महिलाओं ने खुशी जतायी
एक ओर जहां बिल पास होते ही राजधानी के बीजेपी ऑफिस पहुंचकर मुस्लिम महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल लगाकर और मिठाई खिलाकर बिल पास होने की खुशी जताई. इस दौरान महिलाओं ने खुशी जतायी और कहा कि इस बिल के पारित होने से महिलाएं सशक्त होगी. हालांकि ये सवाल भी उठा की तीन तलाक से आजादी तो मिल गई लेकिन उसका दंश झेल रही महिलाओं और उनके बच्चों का भविष्य अब क्या है. महिलाओं ने कहा कि सरकार को इस ओर भी कदम उठाना चाहिए.
'बिल में हो संशोधन'
वहीं राजधानी के कुछ छात्र-छात्रा तीन तलाक बिल का विरोध करते नजर आए. कई स्टूडेंट्स ने बिल को गलत ठहराते हुए सरकार की ओर से मुस्लिम संप्रदाय पर इस तीन तलाक बिल को जबरदस्ती थोपने का आरोप लगाया. छात्राओं ने अपनी राय में कहा कि बिल में संशोधन होना चाहिए, क्योंकि इस्लाम में शादी कॉन्ट्रैक्ट होता है. इसे समय देना जरूरी है. जब शादी दो लोगों की रजामंदी से होती है तो तलाक भी दो लोगों की रजामंदी से ही होनी चाहिए.
'इस्लामी शरिया को ही तवज्जो'
सासाराम में कई महिलाओं ने इस कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है. उनका कहना है कि वह सिर्फ इस्लामी शरिया को ही कानून मानेगी वे तीन तलाक जैसे कानून को कोई तवज्जो नहीं देंगी. इस दौरान जदयू महासचिव रेहाना खातून ने भी इस तीन तलाक बिल का पुरजोर विरोध किया साथ ही उन्होंने कहा कि यह बिल घर में ही फूट डालने वाला है. यह बेतुका कानून है. हम इसे बिल्कुल नहीं मानेंगे.
सरकार की अच्छी पहल
किशनगंज में तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास होने के बाद मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर देखने को मिली. महिलाओं ने इसे मोदी सरकार की अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि इस कानून लागू हो जाने से छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक कह कर घर से बेदखल करने वाले लोग अब इससे डरेंगे. मोदी सरकार की ओर से बनाये गए कानून से अब पत्नी भी कानून का सहारा लेकर तीन तलाक देने वाले पति पर कार्रवाई कर पाएगी.
बेहद जरूरी कदम
किशनगंज भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष टीटू बडवाल ने बताया की यह खुशी का मौका है. मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के लिए इस बिल को पास किया है. यह बेहद जरूरी कदम था. उन्होंने कहा कि 24 से ज्यादा इस्लामिक देशों में तीन तलाक को बहुत पहले ही असंवैधानिक और गैर इस्लामिक करार दिया जा चुका है. देर से ही सही 2019 में भारत में भी मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक बिल को पारित कर दिया गया.
'किसी की भी जाति और धर्म से खिलवाड़ करना ठीक नहीं'
दूसरी ओर गया के बेलागंज विधानसभा से राजद विधायक डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव ने तीन तलाक बिल का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा कि राजद तीन तलाक बिल का कड़ा विरोध करता है, हम इसकी घोर निंदा करते है. किसी की भी जाति और धर्म से खिलवाड़ करना ठीक नहीं.
'नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया'
वहीं जदयू के तीन तलाक बिल का विरोध करने पर भी उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इससे नीतीश कुमार का दोहरा चरित्र सामने आया है. एक तरफ वे एनडीए में भाजपा के साथ बने हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ तीन तलाक बिल का विरोध कर रहे हैं. वे मुसलमानों की सहानुभूति लेकर वोट लेना चाहते हैं. नीतीश कुमार वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन हमारे देश के मुसलमान पढ़े-लिखे हैं, वे उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं.