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IAS KK Pathak Viral Video Case: बोले सुशील मोदी- 'केके पाठक को निलम्बित करें नीतीश, बचायें नहीं' - IAS KK Pathak

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने नीतीश के चहेते आईएएस केके पाठक को बचाने का आरोप लगाया है. सुशील मोदी ने नीतीश से गुजारिश की है कि वो 'गालीबाज' आईएएस को निलंबित कर दें.

राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी
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Published : Feb 4, 2023, 10:18 PM IST

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आदती और पूरी औपनिवेशिक अकड़ से काम करने वाले आईएएस केके पाठक ने अब तक दर्जनों मंत्रियों, विधायकों और अफसरों का अपमान किया, फिर भी मुख्यमंत्री उन्हें संरक्षण देकर कार्यपालिका का मनोबल गिरा रहे हैं.

ये भी पढ़ें- IAS KK Pathak: भरी मीटिंग में अफसरों को दी गाली! बिहार के दबंग सचिव का VIDEO वायरल

'सीएम नीतीश के कृपापात्र हैं केके पाठक': पत्रकार को पीटा, दर्जनों मंत्रियों को अपमानित किया, फिर भी आईएएस केके पाठक सीएम के कृपापात्र बने रहे. सुशील मोदी ने कहा कि केके पाठक के डिप्टी कलक्टर स्तर के अधिकारी से गाली-गलौज की भाषा में बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें तुरंत निलम्बित किया जाना चाहिए. केवल खेद व्यक्त करना काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि पाठक ऐसे अफसर हैं, जिन्हें नियम-कानून से कोई मतलब नहीं. उनके शब्द ही कानून हैं. वे दर्जनों लोगों पर मानहानि का मुकदमा ठोक चुके हैं.

केके पाठक के मानसिक स्वास्थ्य की हो जांच: मोदी ने कहा कि पाठक खुद को जनता का सेवक नहीं, बल्कि अंग्रेज़ों के जमाने का कठोर शासक समझते हुए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि जो अफसर एक पत्रकार को अपने चैम्बर में बुलाकर पीट चुका हो और जिसके उद्योग विभाग का वरिष्ठ अधिकारी रहते उद्योग संगठनों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ा हो, उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच करायी जानी चाहिए.

''केके पाठक को निलम्बित किये बिना उनके विरुद्ध कोई भी प्रशासनिक जांच निष्पक्ष नहीं होगी. जो व्यक्ति मुख्यमंत्री को प्रिय है और जो मुख्यसचिव की भी नहीं सुनता हो, उसके खिलाफ जांच कौन कर सकता है?'' - सुशील मोदी, बीजेपी के राज्यसभा सांसद

BASA ने भी खोला मोर्चा : बता दें कि मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक का एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें में अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में गाली-गलौच की भाषा में बात कर रहे हैं. यही नहीं उन्होंने बिहार और बिहार की जनता को भी अपने बयानों से शर्मिंदा किया. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनके निलंबन तक प्रदर्शन करते रहने की ठान चुका है.

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने के आदती और पूरी औपनिवेशिक अकड़ से काम करने वाले आईएएस केके पाठक ने अब तक दर्जनों मंत्रियों, विधायकों और अफसरों का अपमान किया, फिर भी मुख्यमंत्री उन्हें संरक्षण देकर कार्यपालिका का मनोबल गिरा रहे हैं.

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'सीएम नीतीश के कृपापात्र हैं केके पाठक': पत्रकार को पीटा, दर्जनों मंत्रियों को अपमानित किया, फिर भी आईएएस केके पाठक सीएम के कृपापात्र बने रहे. सुशील मोदी ने कहा कि केके पाठक के डिप्टी कलक्टर स्तर के अधिकारी से गाली-गलौज की भाषा में बात करने का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें तुरंत निलम्बित किया जाना चाहिए. केवल खेद व्यक्त करना काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि पाठक ऐसे अफसर हैं, जिन्हें नियम-कानून से कोई मतलब नहीं. उनके शब्द ही कानून हैं. वे दर्जनों लोगों पर मानहानि का मुकदमा ठोक चुके हैं.

केके पाठक के मानसिक स्वास्थ्य की हो जांच: मोदी ने कहा कि पाठक खुद को जनता का सेवक नहीं, बल्कि अंग्रेज़ों के जमाने का कठोर शासक समझते हुए काम करते हैं. उन्होंने कहा कि जो अफसर एक पत्रकार को अपने चैम्बर में बुलाकर पीट चुका हो और जिसके उद्योग विभाग का वरिष्ठ अधिकारी रहते उद्योग संगठनों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना पड़ा हो, उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच करायी जानी चाहिए.

''केके पाठक को निलम्बित किये बिना उनके विरुद्ध कोई भी प्रशासनिक जांच निष्पक्ष नहीं होगी. जो व्यक्ति मुख्यमंत्री को प्रिय है और जो मुख्यसचिव की भी नहीं सुनता हो, उसके खिलाफ जांच कौन कर सकता है?'' - सुशील मोदी, बीजेपी के राज्यसभा सांसद

BASA ने भी खोला मोर्चा : बता दें कि मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक का एक और वीडियो वायरल हुआ है जिसमें में अपने अधिनस्थ कर्मचारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में गाली-गलौच की भाषा में बात कर रहे हैं. यही नहीं उन्होंने बिहार और बिहार की जनता को भी अपने बयानों से शर्मिंदा किया. बिहार प्रशासनिक सेवा संघ ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनके निलंबन तक प्रदर्शन करते रहने की ठान चुका है.

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