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Raj Bhavan Instructions To Vice Chancellors: 'राज्यपाल सचिवालय और राजभवन के अलावा किसी अन्य के निर्देश का नहीं करें पालन'

बिहार सरकार और राजभवन के बीच टकराव की स्थिति फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है. दरअसल अब राजभवन सचिवालय की ओर से एक पत्र तमाम विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भेजा गया है, जिसमें इस बात का साफ तौर पर जिक्र है कि यूनिवर्सिटी के कुलपति और अधिकारी राजभवन के निर्देश के अलावा किसी अन्य स्तर पर जारी निर्देश का पालन नहीं करेंगे.

राजभवन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 1, 2023, 11:49 AM IST

Updated : Sep 1, 2023, 12:06 PM IST

पटनाः राजभवन सचिवालय की ओर से सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया गया है. पत्र में लिखा गया है कि राज्यपाल सचिवालय और राजभवन के निर्देश के अलावा किसी अन्य स्तर पर जारी दिशा निर्देश का पालन नहीं करें. ये पत्र राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने जारी किया है.

ये भी पढे़ंः Bihar News: .. तो खत्म होगा विवाद? राजभवन व शिक्षा विभाग में तनातनी के बीच नीतीश कुमार ने राज्यपाल से की मुलाकात

राजभवन से कुलपतियों को भेजा गया पत्रः राजभवन से जारी पत्र में साफ कहा गया कि राजभवन अथवा राज्यपाल सचिवालय को छोड़कर किसी अन्य द्वारा विश्वविद्यालय को निर्देश देना उनकी स्वायत्तता के अनुकूल नहीं है. ऐसा देखा जा रहा है कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता की अनदेखी करते हुए भी किसी अन्य द्वारा निर्देश दिया जा रहा है. यह बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के प्रावधानों का उल्लंघन है. इसलिए सिर्फ और सिर्फ राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी निर्देश का ही कुलपति समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी पालन करना सुनिश्चित करें.

पत्र में 2009 के निर्देश की भी चर्चाः इस संबंध में राजभवन द्वारा 2009 में भी कुलपतियों को निर्देश जारी किया गया था. कुलपतियों को भेजे गए पत्र में 2009 के निर्देश की भी चर्चा की गई है. विश्वविद्यालय की स्वयत्तता को लेकर कुछ दिनों पहले राजभवन और शिक्षा विभाग में मतभेद की स्थिति पर हो गई थी. कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पहले राजभवन की ओर से विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही शिक्षा विभाग की ओर से भी विज्ञापन निकाल दिया गया और इसके कारण राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई.

मुख्यमंत्री ने की थी राज्यपाल से मुलाकातः हालांकि इस विवाद को बढ़ता देख बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश ने खुद राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और बयान भी दिया था कि सरकार अपना विज्ञापन वापस ले लेगी. किसी तरह का टकराव राजभवन से नहीं है. लेकिन अब एक बार फिर से राजभवन की ओर से जिस प्रकार से पत्र जारी किया गया है, सरकार की ओर से इसे किस रूप में लिया जाता है. ये देखने वाली बात होगी. फिलहाल तो राजभवन और सराकर के बीच टकराव कम होता नजर नहीं आ रहा है.

पटनाः राजभवन सचिवालय की ओर से सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र भेजकर निर्देश दिया गया है. पत्र में लिखा गया है कि राज्यपाल सचिवालय और राजभवन के निर्देश के अलावा किसी अन्य स्तर पर जारी दिशा निर्देश का पालन नहीं करें. ये पत्र राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने जारी किया है.

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राजभवन से कुलपतियों को भेजा गया पत्रः राजभवन से जारी पत्र में साफ कहा गया कि राजभवन अथवा राज्यपाल सचिवालय को छोड़कर किसी अन्य द्वारा विश्वविद्यालय को निर्देश देना उनकी स्वायत्तता के अनुकूल नहीं है. ऐसा देखा जा रहा है कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता की अनदेखी करते हुए भी किसी अन्य द्वारा निर्देश दिया जा रहा है. यह बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के प्रावधानों का उल्लंघन है. इसलिए सिर्फ और सिर्फ राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी निर्देश का ही कुलपति समेत विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी पालन करना सुनिश्चित करें.

पत्र में 2009 के निर्देश की भी चर्चाः इस संबंध में राजभवन द्वारा 2009 में भी कुलपतियों को निर्देश जारी किया गया था. कुलपतियों को भेजे गए पत्र में 2009 के निर्देश की भी चर्चा की गई है. विश्वविद्यालय की स्वयत्तता को लेकर कुछ दिनों पहले राजभवन और शिक्षा विभाग में मतभेद की स्थिति पर हो गई थी. कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर पहले राजभवन की ओर से विज्ञापन निकाला गया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही शिक्षा विभाग की ओर से भी विज्ञापन निकाल दिया गया और इसके कारण राजभवन और सरकार के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई.

मुख्यमंत्री ने की थी राज्यपाल से मुलाकातः हालांकि इस विवाद को बढ़ता देख बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश ने खुद राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और बयान भी दिया था कि सरकार अपना विज्ञापन वापस ले लेगी. किसी तरह का टकराव राजभवन से नहीं है. लेकिन अब एक बार फिर से राजभवन की ओर से जिस प्रकार से पत्र जारी किया गया है, सरकार की ओर से इसे किस रूप में लिया जाता है. ये देखने वाली बात होगी. फिलहाल तो राजभवन और सराकर के बीच टकराव कम होता नजर नहीं आ रहा है.

Last Updated : Sep 1, 2023, 12:06 PM IST
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