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पटना में पानी के साथ आए कचरों से फैल रही सड़ांध, एक्टिव मोड में नीतीश सरकार - पटना में कचरों से फैल रही सड़ांध

पटना के 80 प्रतिश इलाकों में अभी भी घुटने भर से ऊपर जलजमाव है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सड़कों पर जमा पानी को निकालने के लिए संप हाउस लगातार कार्य कर रही है.

पटना में कचरों से फैल रही सड़ांध
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Published : Oct 1, 2019, 10:27 AM IST

पटना: मौसम विभाग के मुताबिक, आज पटना में बारिश की संभावना नहीं है. हालांकि, पानी का जलस्तर भी घट रहा है, जो किसी बड़ी राहत से कम नहीं है. हालांकि कई दिनों से पानी जमा होने की वजह से इलाके में बदबू फैल रही है.
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार यानी आज मौसम साफ रहेगा. इससे आम लोगों को ने राहत की सांस ली है. लेकिन राजधानी के निचले इलाके में तो कमर तक पानी भरा है. ऐसे में बारिश के बाद महामारी फैलने का खतरा है.

पटना की सड़कों पर जमा पानी


चॉपर से बांटे जा रहे हैं फूड पैकेट
पटना में एनडीआरफ की 6 टीम के 225 जवान और एसडीआरएफ की 2 टीम के 81 जवान लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर रहे हैं. यहां जलजमाव में फंसे लोगों के बीच एयरफोर्स के चॉपर से राहत फूड पैकेट बांटे जा रहे हैं. राहत फूड पैकेट में मोमबत्ती, चूड़ा, गुड़, माचिस, दूध के पैकेट, और पानी के बोतल दिए जा रहे हैं. यहां 6 स्थानों पर समुदायिक किचन भी चलाए जा रहे हैं. मरीजों के लिए घर से हॉस्पिटल तक एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है.


80 फीसदी इलाकों में अभी भी घुटने भर पानी
वहीं, पटना के 80 प्रतिश इलाकों में अभी भी घुटने भर से ऊपर जलजमाव है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सड़कों पर जमा पानी को निकालने के लिए संप हाउस लगातार कार्य कर रही है. फिर भी कुछ इलाकों में पानी जमा होने के कारण लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार कार्य कर रही है. हजारों लोग बेघर हैं और उन्हें राहत शिविरों में रखा गया है.


इन इलाकों में जलभराव की स्थिति
पटना के राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, सरिस्ताबाद, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, संजय नगर, अशोक नगर, रामकृष्णानगर, संदलपुर और श्रीकृष्णापुरी में सबसे ज्यादा पानी भरा हुआ है.


गंगा के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ का खतरा
इस बीच, राजधानी में गंगा के जलस्तर बढ़ने से अलखनाथ घाट पर घाट का पूरा सीढ़ी और स्ट्रीट लाइट डूबा हुआ है. वहीं, गंगा नदी का पानी अलखनाथ मंदिर गेट के पास पहुंच गया है. नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ शहर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यहां के लोग चिंतित और डरे सहमे हुए हैं.


PM मोदी ने की CM नीतीश से बात
बिहार में बाढ़ को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से बात की है. उन्होंने सीएम नीतीश से केंद्र की तरफ से हर संभव मदद करने की बात कही है. पीएम ने कहा है कि जितनी आवश्यकता होगी, केंद्र सरकार बिहार की मदद करेगी.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार जी से बात की. प्रभावितों की सहायता के लिए एजेंसियां स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रही हैं. केंद्र हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, जिसकी आवश्यकता हो सकती है.


बिहार में बाढ़ से अब तक 40 लोगों की मौत
बता दें कि 15 जिलों में भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. आपदा प्रबंधन विभाग ने अब तक 40 लोगों की मौत और 9 के घायल होने की पुष्टि की है. मृतकों के परिजनों को 4- 4 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई है.


16 लाख 56 हजार 607 लोग बाढ़ से प्रभावित
पटना, भोजपुर, भागलपुर, जहानाबाद, नालन्दा, खगड़िया, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, नावदा, अरवल और दरभंगा में बाढ़ से 95 प्रखंड के 464 पंचायत के 758 गांव की 16 लाख 56 हजार 607 आबादी प्रभावित है.

पटना: मौसम विभाग के मुताबिक, आज पटना में बारिश की संभावना नहीं है. हालांकि, पानी का जलस्तर भी घट रहा है, जो किसी बड़ी राहत से कम नहीं है. हालांकि कई दिनों से पानी जमा होने की वजह से इलाके में बदबू फैल रही है.
मौसम विभाग के अनुसार, मंगलवार यानी आज मौसम साफ रहेगा. इससे आम लोगों को ने राहत की सांस ली है. लेकिन राजधानी के निचले इलाके में तो कमर तक पानी भरा है. ऐसे में बारिश के बाद महामारी फैलने का खतरा है.

पटना की सड़कों पर जमा पानी


चॉपर से बांटे जा रहे हैं फूड पैकेट
पटना में एनडीआरफ की 6 टीम के 225 जवान और एसडीआरएफ की 2 टीम के 81 जवान लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर रहे हैं. यहां जलजमाव में फंसे लोगों के बीच एयरफोर्स के चॉपर से राहत फूड पैकेट बांटे जा रहे हैं. राहत फूड पैकेट में मोमबत्ती, चूड़ा, गुड़, माचिस, दूध के पैकेट, और पानी के बोतल दिए जा रहे हैं. यहां 6 स्थानों पर समुदायिक किचन भी चलाए जा रहे हैं. मरीजों के लिए घर से हॉस्पिटल तक एम्बुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध करवाई गई है.


80 फीसदी इलाकों में अभी भी घुटने भर पानी
वहीं, पटना के 80 प्रतिश इलाकों में अभी भी घुटने भर से ऊपर जलजमाव है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सड़कों पर जमा पानी को निकालने के लिए संप हाउस लगातार कार्य कर रही है. फिर भी कुछ इलाकों में पानी जमा होने के कारण लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार कार्य कर रही है. हजारों लोग बेघर हैं और उन्हें राहत शिविरों में रखा गया है.


इन इलाकों में जलभराव की स्थिति
पटना के राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीवनगर, गर्दनीबाग, सरिस्ताबाद, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, संजय नगर, अशोक नगर, रामकृष्णानगर, संदलपुर और श्रीकृष्णापुरी में सबसे ज्यादा पानी भरा हुआ है.


गंगा के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ का खतरा
इस बीच, राजधानी में गंगा के जलस्तर बढ़ने से अलखनाथ घाट पर घाट का पूरा सीढ़ी और स्ट्रीट लाइट डूबा हुआ है. वहीं, गंगा नदी का पानी अलखनाथ मंदिर गेट के पास पहुंच गया है. नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ शहर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यहां के लोग चिंतित और डरे सहमे हुए हैं.


PM मोदी ने की CM नीतीश से बात
बिहार में बाढ़ को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम नीतीश कुमार से बात की है. उन्होंने सीएम नीतीश से केंद्र की तरफ से हर संभव मदद करने की बात कही है. पीएम ने कहा है कि जितनी आवश्यकता होगी, केंद्र सरकार बिहार की मदद करेगी.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ की स्थिति के बारे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार जी से बात की. प्रभावितों की सहायता के लिए एजेंसियां स्थानीय प्रशासन के साथ काम कर रही हैं. केंद्र हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, जिसकी आवश्यकता हो सकती है.


बिहार में बाढ़ से अब तक 40 लोगों की मौत
बता दें कि 15 जिलों में भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है. आपदा प्रबंधन विभाग ने अब तक 40 लोगों की मौत और 9 के घायल होने की पुष्टि की है. मृतकों के परिजनों को 4- 4 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई है.


16 लाख 56 हजार 607 लोग बाढ़ से प्रभावित
पटना, भोजपुर, भागलपुर, जहानाबाद, नालन्दा, खगड़िया, समस्तीपुर, लखीसराय, बेगूसराय, वैशाली, बक्सर, कटिहार, नावदा, अरवल और दरभंगा में बाढ़ से 95 प्रखंड के 464 पंचायत के 758 गांव की 16 लाख 56 हजार 607 आबादी प्रभावित है.

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