पटना: बिहार में कोरोना का भयंकर विस्फोट हो चुका है. स्थिति हर दिन बद से बदतर होती जा रही है. हालात इतने चिंताजनक हैं कि अब रेलकर्मी भी कोरोना के डर से काम करने में कतरा रहे हैं. एक ओर जहां पूरे शहर में लोग घरों में कोरोना वायरस के डर से बैठे हुए हैं तो, दूसरी ओर रेलवे के कर्मचारी लगातार काम कर रहे हैं. बता दें पटना जंक्शन पर दर्जनों रेलकर्मी पॉजिटिव पाए जा रहे हैं.
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कोरोना से टीटीई की मौत
पटना जंक्शन पर तैनात टीटीई समीर कुमार चंद्रवंशी की मौत करोना से कुछ दिन पहले हुई है. जिसके बाद से पटना जंक्शन पर कार्यरत रेल कर्मियों में काफी डर की स्थिति बनी हुई है. इस दौरान महिला टीटीई ने बताया कि उनका बेटा कोरोना पॉजिटिव है. सबको डर है, लेकिन ड्यूटी है तो करना ही पड़ रहा है. ऐसे में कर्मियों के लिए ड्यूटी करने में काफी डर बना हुआ है.
कई रेलकर्मी तो ऐसे भी हैं, जिनके पूरे परिवार में कोरोना संक्रमित लोग हैं. जब वो ठीक हुए, तो ड्यूटी ज्वाइन कर लिए हैं. कई टिकट काटने वाले कर्मचारी भी संक्रमित हैं.
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"कोरोना को लेकर डर जरूर है, लेकिन रेल जरूरी सेवा है. इसलिए इसमें ड्यूटी करना ही है. सावधानी पूर्वक रहें, तो बचा जा सकता है. मेरा पूरा परिवार कोरोना से संक्रमित था. 14 दिन होम क्वॉरंटीन में रहा और फिर स्वस्थ होकर ड्यूटी ज्वाइन कर लिए हैं. जो मुंबई से ट्रेन आती हैं, उसमें अधिकांश श्रमिक-मजदूर को चेक करना पड़ता है और उसमें अधिक लोग संक्रमित मिलते हैं. जिससे हम भी संक्रमित हो गए. पटना जंक्शन के रेलवे परिसर पर अभी बहुत हद तक सुधार करने की जरूरत है. जो अधिकारी हैं, वहीं इन सब बातों पर ध्यान नहीं देते हैं, हम लोग घर से खाना ला रहे हैं. लेकिन खाना नहीं खा पा रहे हैं. हाथ धोने की व्यवस्था नहीं है"- नीरज, टीटीई टीकाकरण कार्य निरंतर जारी
आपको बता दें कि पूर्व मध्य रेल के जीएम ललित चंद्र त्रिवेदी ने एक संवाद में बताया कि कोरोना संक्रमित रेल कर्मियों की सुविधा के लिए कोविड-19 फंड बनाया गया है. रेल कर्मियों की हर एक बातों पर गंभीरता से अध्ययन किया जा रहा है. इस कठिन दौर में हर पहलुओं की बारीकी से निगरानी और समीक्षा भी की जा रही है. करोणा संक्रमण को देखते हुए सभी रेलवे चिकित्सालय में संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. उनके परिजनों का टीकाकरण कार्य निरंतर जारी है.
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ऑक्सीजन गैस का प्रबंध करना चुनौती
वहीं, जीएम ने ऑक्सीजन की अनिवार्यता पर बल देते हुए कहा कि ऑक्सीजन गैस का प्रबंध करना अभी सबसे बड़ी चुनौती है. इसके लिए सभी मंडलों को निर्देश जारी किया गया है कि अपने-अपने मंडलों में ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें, मंडलों में सेंट्रल गैस डिस्ट्रीब्यूशन का प्रबंध करने के लिए निर्देश जारी किया गया है. ताकि रेलवे चिकित्सालय के हर बेड तक ऑक्सीजन आसानी पूर्वक पहुंचाया जा सके.