पटना: 'वोटर बिकाऊ होता है' पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति एक बार फिर से गर्म हो गई है. दरअसल, आरजेडी के 23वें स्थापना दिवस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आजकल के चुनाव में बिना पैसा खर्च किए कुछ नहीं होता है. पैसे खर्च करने पर वोटर पीछे हो जाते हैं, क्योंकि वोटर भी पैसा लेकर ही वोट देता है.
पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव के समय में पैसा देकर वोट खरीद लिए गए हैं. लोगों को पिला-खिलाकर सुला दिया. कोई पार्टी आपको पैसा देता है और आप उनको वोट दे देते हैं. राबड़ी देवी के इस बयान के बाद राजनीति गर्म है. जेडीयू ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. जबकि राजद के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और कांग्रेस उनके बचाव में उतर आई है.
'वोट के लिए राजनीति करना उचित नहीं'
जेडीयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि लोकतंत्र में वोट के लिए राजनीति करना उचित नहीं है. लोकतंत्र में जनता की सेवा, आम जनता की भावनाओं को ख्याल रखना, उनकी समस्याओं को सुनना किसी भी राजनेता का काम होता है. सिर्फ वोट लेना और सत्ता में बने रहना यह लोकतंत्र की परिभाषा नहीं है. राबड़ी देवी के बयान को जदयू प्रवक्ता ने घोर निंदनीय बताया. उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी को अपने बयान पर खेद व्यक्त करना चाहिए.
सहयोगी दल कर रहे हैं बचाव
राबड़ी देवी के बयान पर जहां सत्ता पक्ष उन पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है, तो वहीं राजद के सहयोगी दल कांग्रेस और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने उनका बचाव किया है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता विजय यादव ने राबड़ी देवी के बयान का बचाव करते हुए कहा कि लोकतंत्र में वोटर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को चुनते हैं. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि राबड़ी देवी का यह बयान जुबान फिसलने के कारण निकल गया हो. यदि लोकतंत्र में पैसे की बदौलत वोट खरीदा जाता तो कोई भी व्यक्ति प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री बन सकता है. इस तरह के बयानों से नेताओं को भी बचना चाहिए.
'वोटर ईश्वर के स्वरूप होते हैं'
कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि राबड़ी देवी का कहाने का संदर्भ कुछ और था. लोकतंत्र में वोटर भगवान होते हैं, वोटर ही लोकतंत्र के मालिक होते हैं, वोटर ईश्वर के स्वरूप होते हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोटर कभी बिक नहीं सकते हैं. भला राबड़ी देवी वोटर को बिकाऊ कैसे बोल सकती हैं. बहरहाल राबड़ी देवी के इस बयान से विरोधियों को बैठे बिठाये एक मुद्दा जरूर मिल गया है. लेकिन इन सब के बीच राजद के सहयोगी इस पूरे मामले का लीपापोती करने में लगे हैं.