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सदन में गूंजा शराबबंदी मुहिम में शिक्षकों को लगाने का मामला, बोले शिक्षा मंत्री- 'ये कोई फरमान नहीं, स्वेच्छा से करें काम'

बिहार विधान परिषद में शिक्षकों के शराब और शराब माफिया को पकड़ने के सरकारी फरमान पर भी सवाल उठे. जिसका जवाब शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दिया. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Mar 4, 2022, 4:56 PM IST

पटनाः बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Bihar Budget 2022) का शुक्रवार को पांचवा दिन था. सदन की कार्यवाही के दौरान आज भी विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और जमकर हंगामा किया. इस बीच बिहार में शराबबंदी मुहिम में शिक्षकों को लगाने के सरकारी फरमान पर भी विधान परिषद में सवाल खड़े किए गए. कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा और कहा कि यह कैसा आदेश है कि अब बिहार में शिक्षक शराबियों को पकड़ने का काम करेंगे.

ये भी पढ़ेंः शिक्षा विभाग के नए फरमान पर बोले मंत्री, शराबबंदी लागू करना सब की है जिम्मेदारी

विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जो फरमान शिक्षा विभाग ने जारी किया है, इससे शिक्षकों की जान पर खतरा हो जाएगा और कई शिक्षक इस फरमान से बुरी तरह से परेशान हैं. इसका जवाब सदन में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दिया और कहा कि हमने कोई फरमान जारी नहीं किया है. आम जनता की तरफ शिक्षकों को भी सिर्फ शराबबंदी में मदद करने के लिए कहा गया है.

'यह कोई फरमान नहीं है. जिस तरह शराबबंदी में आम आदमी को मदद करने के लिए कहा गया है, उसी तरह शिक्षकों को भी शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षक शराबबंदी में हमें मदद करें. इसको लेकर पत्र जारी किया गया था. उन्हें कोई टारगेट नहीं दिया गया है कि आपको साल में इतने शराबियों या शराब तस्करों को पकड़ना है'- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री

वहीं, कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जो बयान उन्होंने दिया है, वो बेतुके हैं. जब से बिहार में शिक्षा मंत्री के रूप में विजय चौधरी आए हैं शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है. विभाग में कोई काम नहीं हो रहा है. सदन के अंदर कोई सवाल पूछिए तो मुस्कुरा के रह जाते हैं. उसका सही से जवाब नहीं देते. शिक्षकों को लेकर जो फरमान शिक्षा विभाग ने जारी किया है, इससे शिक्षक काफी परेशान है क्योंकि शराब तस्कर या शराबियों के बारे में अगर सूचना शिक्षक देंगे तो उन्हें जान से हाथ धोना पड़ेगा. इसका भी भय उन्हें सता रहा है.

यह भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब


'बिहार में 5 साल पहले अट्ठारह सौ कंप्यूटर शिक्षक को हटा दिया गया और अभी तक कंप्यूटर शिक्षक की बहाली नहीं हुई है. सरकार से जब हम इस पर सवाल पूछते हैं, तो सरकार का जवाब नहीं आता है. ऐसे में शिक्षा विभाग का क्या हाल होगा वह सब जान रहे हैं और बिहार की जनता भी जानती है कि शिक्षा मंत्री किस तरह से अपने विभाग में काम कर रहे हैं'- प्रेम चंद्र मिश्रा, कांग्रेस विधान पार्षद

बता दें कि बिहरा विधानसभा वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 28 फरवरी को पेश किया गया था. बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद हुआ. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार ने अपना उत्तर दिया. वहीं 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय पर सामान्य विमर्श किया गया. 4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर हो रहा है. इस बीच विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और सदन में जमकर हंगामा किया.
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पटनाः बिहार विधानमंडल के बजट सत्र (Bihar Budget 2022) का शुक्रवार को पांचवा दिन था. सदन की कार्यवाही के दौरान आज भी विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और जमकर हंगामा किया. इस बीच बिहार में शराबबंदी मुहिम में शिक्षकों को लगाने के सरकारी फरमान पर भी विधान परिषद में सवाल खड़े किए गए. कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा और कहा कि यह कैसा आदेश है कि अब बिहार में शिक्षक शराबियों को पकड़ने का काम करेंगे.

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विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जो फरमान शिक्षा विभाग ने जारी किया है, इससे शिक्षकों की जान पर खतरा हो जाएगा और कई शिक्षक इस फरमान से बुरी तरह से परेशान हैं. इसका जवाब सदन में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दिया और कहा कि हमने कोई फरमान जारी नहीं किया है. आम जनता की तरफ शिक्षकों को भी सिर्फ शराबबंदी में मदद करने के लिए कहा गया है.

'यह कोई फरमान नहीं है. जिस तरह शराबबंदी में आम आदमी को मदद करने के लिए कहा गया है, उसी तरह शिक्षकों को भी शिक्षा विभाग ने कहा है कि शिक्षक शराबबंदी में हमें मदद करें. इसको लेकर पत्र जारी किया गया था. उन्हें कोई टारगेट नहीं दिया गया है कि आपको साल में इतने शराबियों या शराब तस्करों को पकड़ना है'- विजय चौधरी, शिक्षा मंत्री

वहीं, कांग्रेस एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जो बयान उन्होंने दिया है, वो बेतुके हैं. जब से बिहार में शिक्षा मंत्री के रूप में विजय चौधरी आए हैं शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है. विभाग में कोई काम नहीं हो रहा है. सदन के अंदर कोई सवाल पूछिए तो मुस्कुरा के रह जाते हैं. उसका सही से जवाब नहीं देते. शिक्षकों को लेकर जो फरमान शिक्षा विभाग ने जारी किया है, इससे शिक्षक काफी परेशान है क्योंकि शराब तस्कर या शराबियों के बारे में अगर सूचना शिक्षक देंगे तो उन्हें जान से हाथ धोना पड़ेगा. इसका भी भय उन्हें सता रहा है.

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'बिहार में 5 साल पहले अट्ठारह सौ कंप्यूटर शिक्षक को हटा दिया गया और अभी तक कंप्यूटर शिक्षक की बहाली नहीं हुई है. सरकार से जब हम इस पर सवाल पूछते हैं, तो सरकार का जवाब नहीं आता है. ऐसे में शिक्षा विभाग का क्या हाल होगा वह सब जान रहे हैं और बिहार की जनता भी जानती है कि शिक्षा मंत्री किस तरह से अपने विभाग में काम कर रहे हैं'- प्रेम चंद्र मिश्रा, कांग्रेस विधान पार्षद

बता दें कि बिहरा विधानसभा वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट 28 फरवरी को पेश किया गया था. बजट पेश होने के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर वाद विवाद हुआ. 2 मार्च को तीसरी बैठक के दिन विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद के बाद सरकार ने अपना उत्तर दिया. वहीं 3 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय-व्यय पर सामान्य विमर्श किया गया. 4 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्यय पर सरकार का उत्तर हो रहा है. इस बीच विधानमंडल के दोनों सदनों में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरा और सदन में जमकर हंगामा किया.
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