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नौकरी निरस्त होने पर BJP कार्यालय पहुंचे लोक शिक्षक, किया जमकर हंगामा

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Published : Nov 24, 2019, 4:41 PM IST

साल 2003 में लोक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. उस समय उन्हें 1000 रुपये मिलते थे. फिर साल 2006 में उनका पद निरस्त कर दिया गया. आक्रोशित होकर उन्होंने रविवार को हंगामा किया.

शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस के बाहर काटा बवाल

पटना: रविवार को लोक शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव किया. गुस्साए शिक्षकों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. शिक्षकों का कहना है कि साल 2006 में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. जिसके बाद वे लोग दर-दर भटक रहे हैं. सरकार को उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.

दरअसल, साल 2003 में लोक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. उस समय उन्हें 1000 रुपये मिलते थे. फिर साल 2006 में उनका पद निरस्त कर दिया गया. शिक्षामित्रों को तो नौकरी दे दी गई. लेकिन, लोक शिक्षकों के बारे में किसी ने नहीं सोचा. सालों तक चुप बैठे तकरीबन 15 हजार शिक्षक रविवार को उग्र हो गए.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सत्ता में है बीजेपी तो समाधान होगा'
धरने पर बैठे लोक शिक्षकों का कहना है कि बीजेपी सत्ता में है इसलिए वे बड़ी उम्मीद से बीजेपी कार्यालय पहुंचे हैं. प्रदर्शन में शामिल कई महिलाएं रोती-बिलखती नजर आईं. उनका कहना है कि कोई उनकी फरियाद नहीं सुन रहा है. उम्र बीतती जा रही है और वे बेरोजगार हैं. 2003 से 2006 तक उनसे काम लिया गया और अचानक हटा दिया गया.

patna
शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस के बाहर काटा बवाल

यह भी पढ़ें: पटना: जनवेदना मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज, वाटर कैनन का भी इस्तेमाल

बता दें कि लोक शिक्षक पिछले कई दिनों से गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं. रविवार को अचानक वे बीजेपी कार्यालय पहुंचे और घंटों धरने पर बैठे रहे. वहीं, कई शिक्षक दोबारा बहाली नहीं मिलने पर बीजेपी कार्यालय में ही जान देने की बात करते नजर आए.

पटना: रविवार को लोक शिक्षकों ने बीजेपी कार्यालय का घेराव किया. गुस्साए शिक्षकों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. शिक्षकों का कहना है कि साल 2006 में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया. जिसके बाद वे लोग दर-दर भटक रहे हैं. सरकार को उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए.

दरअसल, साल 2003 में लोक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी. उस समय उन्हें 1000 रुपये मिलते थे. फिर साल 2006 में उनका पद निरस्त कर दिया गया. शिक्षामित्रों को तो नौकरी दे दी गई. लेकिन, लोक शिक्षकों के बारे में किसी ने नहीं सोचा. सालों तक चुप बैठे तकरीबन 15 हजार शिक्षक रविवार को उग्र हो गए.

पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'सत्ता में है बीजेपी तो समाधान होगा'
धरने पर बैठे लोक शिक्षकों का कहना है कि बीजेपी सत्ता में है इसलिए वे बड़ी उम्मीद से बीजेपी कार्यालय पहुंचे हैं. प्रदर्शन में शामिल कई महिलाएं रोती-बिलखती नजर आईं. उनका कहना है कि कोई उनकी फरियाद नहीं सुन रहा है. उम्र बीतती जा रही है और वे बेरोजगार हैं. 2003 से 2006 तक उनसे काम लिया गया और अचानक हटा दिया गया.

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शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस के बाहर काटा बवाल

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बता दें कि लोक शिक्षक पिछले कई दिनों से गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं. रविवार को अचानक वे बीजेपी कार्यालय पहुंचे और घंटों धरने पर बैठे रहे. वहीं, कई शिक्षक दोबारा बहाली नहीं मिलने पर बीजेपी कार्यालय में ही जान देने की बात करते नजर आए.

Intro:पटना-- 2006 में हटाए गए लोक शिक्षकों ने आज बीजेपी कार्यालय को अचानक घेर लिया और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी बिहार में 2003 में लोक शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी लेकिन शिक्षामित्रों को तो नौकरी दे दी गई लेकिन लोक शिक्षकों को 2006 में हटा दिया गया और ऐसे 15000 शिक्षक हैं जो अपनी नौकरी के लिए भटक रहे हैं आज बीजेपी कार्यालय पहुंचे धरना पर बैठ गये।


Body:लोक शिक्षकों ने कहा कि बीजेपी सत्ता में है और बड़ी उम्मीद से बीजेपी कार्यालय पहुंचे हैं महिलाएं धरना पर बैठ कर रोने भी लगी उनका कहना था कि भटक रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है 2003 से 2006 तक काम किए लेकिन उसके बाद सरकार ने उन्हें हटा दिया लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जब 2003 में लोक शिक्षकों को बहाली किया गया था तब ₹1000 की राशि दी जाती थी।



Conclusion: लोक शिक्षक पिछले कई दिनों से गर्दनीबाग में धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं और आज बीजेपी कार्यालय में घंटों धरने पर बैठे रहे। नौकरी नहीं मिलने पर बीजेपी कार्यालय में ही जान देने की बात भी करते रहे।
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