पटना: देशभर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं, इस फैसले पर अल्पसंख्यक समुदाय ने कड़ा विरोध जताया है. राजधानी के मंगल तालाब के खानकाह ए अमादिया से अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने आक्रोश मार्च निकाला. आक्रोश मार्च मंगल तालाब उर्दू मैदान से निकलकर कई रास्तों से होता हुआ पटना सिटी अनुमंडल कार्यालय पहुचा. इस दौरान लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जुलूस के दौरान सिटी एसडीओ, एडिशनल एसपी समेत भारी संख्या में पुलिस बल जुलूस को एस्कॉर्ट करते नजर आए.
निकाला गया प्रतिरोध मार्च
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ जिला मुख्यालय मधेपुरा के कॉलेज चौक से एक बड़ा प्रतिरोध मार्च निकाला गया. जिसमें विभिन्न संगठनों के सैकड़ों लोगों ने इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. यह मार्च कॉलेज चौक से शुरू होकर जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग होते हुए समाहरणालय पहुंचा. वहीं, इस मार्च में शामिल राजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार ने भारत की सभ्यता संस्कृति और गंगा जमुनी तहजीब को खत्म कर दिया. जिसकी वजह से आज पूरे देश में एनआरसी और सीएए के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर रहे हैं.
संविधान के मूल भावनाओं को पहुंचाई जा रही ठेस
रोहतास में भी एनआरसी और सीएए के खिलाफ अखिल भारतीय अंबेडकर कल्याण संघ ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान अखिल भारतीय अंबेडकर कल्याण संघ के जिलाध्यक्ष अशोक बैठा ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार देश में अल्पसंख्यक समाज को डराना चाहती है. उन्होंने कहा कि यह कानून संविधान विरोधी है और संविधान के मूल भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है. इस कानून में किसी समुदाय विशेष को टारगेट किया गया है.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई नोक-झोक
देशभर में चल रहे नागरिकता संशोधन और एनआरसी के विरोध की लहर शुक्रवार को नवादा जिले में भी पहुंची. यहां हजारों की संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों जुलूस निकाला. जुलूस पुरानी बाजार रोड होते हुए समाहरणालय गेट तक पहुंचा. वहीं, यहां पहले से ही भारी संख्या में मौजूद पुलिस बल और स्वाट की टीम ने भीड़ को आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की. इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोक-झोक भी हुई. वहीं, काफी देर तक गहमागहमी के बाद माहौल को शांत कराया गया.