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पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन, थाने में बंद छात्रों की रिहाई की मांग

शिक्षक दिवस के दिन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक अभ्यर्थियों को थाने में बंद करने के खिलाफ आज सैकड़ों अभ्यर्थियों ने पटना में धरना दिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि उनके साथियों को जल्द से जल्द रिहा किया जाए.

शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन
शिक्षक अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन
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Published : Sep 6, 2022, 12:36 PM IST

Updated : Sep 6, 2022, 1:07 PM IST

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के जनशक्ति भवन में सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन (Protest Of Teacher Candidates In Patna) किया और बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अभ्यर्थियों का कहना है कि 2019 में उन लोगों ने सीटेट क्वालीफाई किया लेकिन 14 दिन के कारण छठे चरण के नियोजन में शामिल नहीं हो पाए और सरकार सातवें चरण का नियोजन (7th Phase Teacher Recruitment) नहीं शुरु कर रही है. इन्हीं मांगों को लेकर शिक्षक दिवस के मौके पर जब शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे, तो सैकड़ों अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया गया. अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द उनके तमाम साथियों को रिहा किया जाए.

ये भी पढ़ेंः पटना में सचिवालय के बाहर CTET/BTET पास अभ्यर्थियों का हंगामा, पुलिस ने मौके से हटाया

रोजगार का वादा करके सत्ता में आई है ये सरकारः शिक्षक अभ्यर्थी मनोज सिंह ने कहा कि तमाम शिक्षक अभ्यर्थियों की एक ही मांग है कि जल्द से जल्द सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू की जाए, क्योंकि वह बेरोजगारी के दंश से उब चुके हैं. यह सरकार रोजगार का वादा करके सत्ता में आई है और जब विपक्ष में थे तो कहते थे कि आते ही नियोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी लेकिन शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया शुरू करने के लिए अब तक कुछ पहल नहीं की गई. उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर जब शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और गिरफ्तार अभ्यर्थियों को रिहा कराने के लिए जो अभ्यर्थी खाने गए उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है. मनोज ने एक कविता गाकर प्रदेश की बेरोजगारी युवाओं की पीड़ा सुनाई और गाने का मुख्य बोल यही था कि 'यह कैसी सरकार की पढ़ लिख कर भी बेरोजगार हो गए हम'.

"हमारी मांग है कि जल्द से जल्द तमाम अभ्यर्थियों को रिहा किया जाए. सरकार अगर अविलंब गिरफ्तार अभ्यर्थियों को रिहा नहीं करती है तो प्रदेश के 1.3 लाख शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरेंगे और जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे. जिसके बाद बिहार में अभ्यर्थियों के लिए जेल कम पड़ जाएगी"- मनोज सिंह, शिक्षक अभ्यर्थी

महाआंदोलन शुरू करेंगे छात्रः वहीं, शिक्षक अभ्यर्थी परवेज आलम ने बताया कि यह सरकार जो एटूजेड की सरकार होने का दावा करती है और अल्पसंख्यकों को साथ लेकर के सत्ता में आई है, वह सत्ता में आते ही प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थियों को गुमराह करने लगी है. उससे हम गुमराह होने वाले नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द यदि सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो 2025 के चुनाव में यह सत्ताधारी दल 10 सीटों पर सिमट जाएंगे क्योंकि प्रदेश में जितने शिक्षक अभ्यर्थी हैं, उनके परिवारों को अगर जोड़ा जाए तो 1 करोड़ से अधिक वोट बनता है. उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षक अभ्यर्थी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और सचिवालय का चक्कर काटते काटते थक गए हैं, अभ्यर्थियों को जबरन जेल में डाल दिया गया है. ऐसे में सरकार उन्हें अविलंब रिहा करे नहीं तो शिक्षक अभ्यर्थी महाआंदोलन शुरू करेंगे.

ये भी पढ़ेंः 'नीतीश जी! जब तक आप जिंदा हैं.. हमें नौकरी दे दीजिए', शिक्षक अभ्यर्थियों की मार्मिक अपील

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के जनशक्ति भवन में सैकड़ों शिक्षक अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन (Protest Of Teacher Candidates In Patna) किया और बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. अभ्यर्थियों का कहना है कि 2019 में उन लोगों ने सीटेट क्वालीफाई किया लेकिन 14 दिन के कारण छठे चरण के नियोजन में शामिल नहीं हो पाए और सरकार सातवें चरण का नियोजन (7th Phase Teacher Recruitment) नहीं शुरु कर रही है. इन्हीं मांगों को लेकर शिक्षक दिवस के मौके पर जब शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे, तो सैकड़ों अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर थाने में बंद कर दिया गया. अभ्यर्थियों की मांग है कि जल्द से जल्द उनके तमाम साथियों को रिहा किया जाए.

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रोजगार का वादा करके सत्ता में आई है ये सरकारः शिक्षक अभ्यर्थी मनोज सिंह ने कहा कि तमाम शिक्षक अभ्यर्थियों की एक ही मांग है कि जल्द से जल्द सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू की जाए, क्योंकि वह बेरोजगारी के दंश से उब चुके हैं. यह सरकार रोजगार का वादा करके सत्ता में आई है और जब विपक्ष में थे तो कहते थे कि आते ही नियोजन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी लेकिन शिक्षकों के नियोजन प्रक्रिया शुरू करने के लिए अब तक कुछ पहल नहीं की गई. उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर जब शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और गिरफ्तार अभ्यर्थियों को रिहा कराने के लिए जो अभ्यर्थी खाने गए उन्हें भी गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया है. मनोज ने एक कविता गाकर प्रदेश की बेरोजगारी युवाओं की पीड़ा सुनाई और गाने का मुख्य बोल यही था कि 'यह कैसी सरकार की पढ़ लिख कर भी बेरोजगार हो गए हम'.

"हमारी मांग है कि जल्द से जल्द तमाम अभ्यर्थियों को रिहा किया जाए. सरकार अगर अविलंब गिरफ्तार अभ्यर्थियों को रिहा नहीं करती है तो प्रदेश के 1.3 लाख शिक्षक अभ्यर्थी पटना की सड़कों पर उतरेंगे और जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे. जिसके बाद बिहार में अभ्यर्थियों के लिए जेल कम पड़ जाएगी"- मनोज सिंह, शिक्षक अभ्यर्थी

महाआंदोलन शुरू करेंगे छात्रः वहीं, शिक्षक अभ्यर्थी परवेज आलम ने बताया कि यह सरकार जो एटूजेड की सरकार होने का दावा करती है और अल्पसंख्यकों को साथ लेकर के सत्ता में आई है, वह सत्ता में आते ही प्रदेश के शिक्षक अभ्यर्थियों को गुमराह करने लगी है. उससे हम गुमराह होने वाले नहीं है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द यदि सातवें चरण की नियोजन प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो 2025 के चुनाव में यह सत्ताधारी दल 10 सीटों पर सिमट जाएंगे क्योंकि प्रदेश में जितने शिक्षक अभ्यर्थी हैं, उनके परिवारों को अगर जोड़ा जाए तो 1 करोड़ से अधिक वोट बनता है. उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षक अभ्यर्थी अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे और सचिवालय का चक्कर काटते काटते थक गए हैं, अभ्यर्थियों को जबरन जेल में डाल दिया गया है. ऐसे में सरकार उन्हें अविलंब रिहा करे नहीं तो शिक्षक अभ्यर्थी महाआंदोलन शुरू करेंगे.

ये भी पढ़ेंः 'नीतीश जी! जब तक आप जिंदा हैं.. हमें नौकरी दे दीजिए', शिक्षक अभ्यर्थियों की मार्मिक अपील

Last Updated : Sep 6, 2022, 1:07 PM IST
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