पटनाः बिहार के पटना में नर्सों का प्रदर्शन देखने को मिला. पीएमसीएच में नर्सेज ने एक बार फिर से अस्पताल के अधीक्षक डॉ आईएस ठाकुर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मजदूर दिवस के मौके पर सोमवार को सैकड़ों की संख्या में नर्सेज ने पीएमसीएच परिसर में पैदल मार्च किया और अस्पताल में अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अधीक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और घंटों प्रदर्शन किया.
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अधीक्षक पर मनमानी का आरोपः नर्सेज ने आरोप लगाया कि अधीक्षक मनमानी करते हैं, नर्सेज के साथ सम्मानजनक भाषा से बात नहीं करते और अपनी समस्याओं को लेकर जब उनसे मिलने जाते हैं तो न मिलते हैं और ना ही कभी मुलाकात का समय देते हैं. नर्सेज ने यह भी कहा कि उन्होंने अपने पीएमसीएच के ड्यूटी कार्यकाल में लगभग 8 अधीक्षक को देखा है, लेकिन डॉक्टर आईएस ठाकुर जैसा मनमानी और अफसरशाही करने वाला अधीक्षक नहीं देखा. नर्सेज ने सरकार से मांग की है कि अधीक्षक डॉ आईएस ठाकुर को अविलंब बर्खास्त करे नहीं तो अस्पताल की नर्सेज हड़ताल पर चली जाएंगी.
मनमाना रवैया के खिलाफ प्रदर्शनः पीएमसीएच ए ग्रेड नर्सेज एसोसिएशन की हेड प्रमिला कुमारी ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व उन लोगों ने अधीक्षक की मनमानी रवैया के खिलाफ प्रदर्शन किया, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. अधीक्षक डॉ आईएस ठाकुर ना उन लोगों से मिलते हैं व उन लोगों की बातों को सुनते हैं. आए दिन नया नया फरमान जारी करते हैं और कोई आवाज उठाता है तो उसके ट्रांसफर की अनुशंसा कर देते हैं. अपने करीबियों को अस्पताल में सेट करने की कोशिश में है और नए नए निर्देश और नियम बनाकर विगत 2 वर्षों से नर्सेज को प्रताड़ित कर रहे हैं.
"नर्सेज की ड्यूटी रोस्टर डॉक्टर तैयार कर रहे हैं. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है, जिसका विरोध कर रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव से अनुरोध है कि ऐसे अधीक्षक को अविलंब बर्खास्त किया जाए नहीं तो अस्पताल में नर्सेज और आंदोलन करेंगी." - प्रमिला कुमारी, अध्यक्ष, नर्सेज एसोसिएशन
सिस्टर अर्चना भारती ने कहा कि "अस्पताल में वर्षों से कार्यरत सीनियर नर्स से इंचार्ज छीनकर जूनियर को थमाया जा रहा है. नर्सों डिमोशन किया जा रहा है. इसके पीछे का कोई कारण भी नहीं बताया जाता है. इस वजह से अस्पताल की नर्सेज प्रताड़ित महसूस कर रही है."
सिस्टर प्रतिमा कुमारी ने कहा कि "अधीक्षक आईएस ठाकुर अस्पताल की नर्सेज को प्रताड़ित कर रहे हैं. मेटरन मैसेज की ड्यूटी लगाती हैं लेकिन मेटरन से चार्ज छीन कर डॉक्टर नर्सेज की ड्यूटी लगा रहे हैं. नर्सेज का ड्यूटी नर्सिंग प्रशासन देखेगा, कोई डॉक्टर क्यों देखेगा?, नर्सेज को 3 महीने पर नाइट शिफ्ट की ड्यूटी लगती है, लेकिन 1 महीने पर नाइट शिफ्ट की ड्यूटी लग जा रही है. आए दिन किसी को बिना कारण सस्पेंड कर देते हैं. बिना कारण इधर से उधर ड्यूटी लगा दी जाती है. ऐसे अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई हो."
अस्पताल की सीनियर सिस्टर पूनम कुमारी ने बताया कि "अस्पताल में अधीक्षक का रवैया इतना तानाशाही हो गया है कि ड्यूटी करना मुश्किल हो गया है. अफसरशाही बहुत अधिक हावी हो गई है. उन लोगों की कोई बात को नहीं सुनते हैं और धमकी देते हैं कि ट्रांसफर करा देंगे नहीं तो ड्यूटी से सस्पेंड कर देंगे. इस माहौल में काम करना मुश्किल हो गया है. वह सरकार से मांग करती है कि अधीक्षक को अविलंब अस्पताल से हटाया जाए नहीं तो सभी नर्सेज हड़ताल पर चली जाएंगी."