पटना: बिहार में संविदा पर काम कर रहे डाटा एंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर संघ ने मंगलवार को पटना समेत पूरे प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया. कमेटी ने लगातार सातवीं बार उस अवधि विस्तार का विरोध किया, जिसे सरकार ने स्थाई काम करने के लिए बढ़ाया है. 2015 में इस कमेटी का गठन किया गया था. लेकिन आज तक यह कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं दे सकी है.
पटना की सचिवालय स्थित विकास भवन के सामने बड़ी संख्या में बेल्ट्रॉन के माध्यम से कार्यरत प्रोग्रामर आशुलिपिक और डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने प्रदर्शन किया. संघ के संयोजक प्रभात कुमार ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति को बार-बार अवधि विस्तार दिया जा रहा है, जिससे हमें भविष्य में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर प्रश्नचिन्ह लगता दिख रहा है.
'फेल हैं सरकारी नियोजन की नीति'
बिहार राज्य डाटा एंट्री कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि उच्च स्तरीय समिति का लगातार सातवीं बार अवधि विस्तार होना सरकार के संविदा कर्मियों के सरकारी नियोजन की नीति और उनके उद्देश्यों का पूरी तरह से फेल होना साबित होता है. सरकार अगर चाहती तो हम बाकी बचे संविदा कर्मियों को विभागों में काम का समायोजन कर लिया गया होता. सरकार को इसके लिए जल्द से जल्द पहल करनी चाहिए.
क्यों नाराज है संविदा कर्मी...
दरअसल, बेल्ट्रॉन के द्वारा बिहार के विभिन्न सरकारी विभागों में 15 हजार कर्मियों को संविदा पर रखा गया है. विभिन्न विभागों और निगमों में काम कर रहे यह संविदा कर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. सरकार से इन्हें सेवानिवृत्त करने का आश्वासन मिला था, जिसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया. लेकिन पिछले 4 साल के दौरान लगातार इस समिति को समय-समय पर अवधि विस्तार मिलता रहा, जिसके कारण यह सभी संविदा कर्मी नाराज हैं.