पटनाः संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों के निलंबन के खिलाफ शुक्रवार को बिहार में महागठबंधन के घटक दल सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान महागठबंधन के घटक दलों में सामंजस्य नहीं दिखा. कांग्रेस पार्टी सबसे अंत में सांसद अखिलेश सिंह के नेतृत्व में सड़क पर उतरी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा और सांसद अखिलेश सिंह इनकम टैक्स से डाक बंगला चौराहा पहुंचे. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर तानशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
"सदन में सवाल पूछना गलत है क्या. इसी कारण से सांसदों का निलंबित किया गया है. आप समझिए देश में क्या हो रहा है. क्या सदन के अंदर विपक्षी सदस्यों को बोलने का भी अधिकार नहीं है. निश्चित तौर पर मोदी सरकार जो कर रही है वह गलत है. इसी को लेकर आज हम लोग सड़क पर उतरकर प्रतिरोध मार्च कर रहे हैं."- अखिलेश सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष
विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिशः राजद विधायक रीत लाल यादव ने कहा कि देश में लगातार महंगाई बढ़ रही है. गरीब लोग और गरीब हो रहे हैं और मोदी सरकार तानाशाही कर रही है. पूरे देश को पूंजीपति के हाथ में दे दिया गया है. सदन में जब विपक्षी सांसद आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है, जो कि गलत है. सांसदों का निलंबन जब तक वापस नहीं होगा राष्ट्रीय जनता दल पूरे महागठबंधन के साथ मिलकर आंदोलन करते रहेगा.
मनमानी कर रही मोदी सरकारः राजद के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि मिश्रा भी कार्यकर्ता के साथ सड़क पर नजर आए. उन्होंने कहा कि हम लोग शुरू से कह रहे थे कि संविधान खतरे में है. देखिए, अब वह समय आ ही गया. अब मोदी सरकार ने मनमानी शुरू कर दी है. यही कारण है कि सदन के अंदर अगर सवाल पूछे जाते हैं तो उसके बदले में सांसदों को निलंबित किया जा रहा है. ऐसा शासन हम लोग नहीं चलने देंगे. पूरे देश में आंदोलन होगा. जनता भी देख रही है कि किस तरह का व्यवहार मोदी सरकार सदन के अंदर जनप्रतिनिधियों के साथ कर रही है.
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