पटना: सूबे में इंसेफेलाइटिस और लू से हो रही मौत को लेकर जन अधिकार छात्र परिषद के छात्रों ने विरोध मार्च निकाला. कार्यकर्ताओं ने करगिल चौक पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का पुतला दहन किया. पुतला दहन के दौरान इस बीमारी के हुई मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
विरोध प्रदर्शन कर रहे जाप कार्यकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से मुजफ्फरपुर में लागातार बच्चों की मौत हो रही है. सरकार क्या कर रही है? अब तक व्यापक रूप से इंतजाम क्यों नहीं किये गये? क्या ऐसे ही बच्चों की मौत होगी? पहले से अगर तैयारी की जाती तो शायद इतने बच्चों कि मौत नहीं होती.
मुआवजे की मांग
जाप छात्र परिषद के अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर सहित दूसरे जिलों में एईएस और लू से जितनी भी मौत हुई है, सरकार मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दें. साथ ही उसने कहा कि आंदोलन लागातार जारी रहेगा. सरकार के नाकामियों को आम जनता तक पहुंचाते रहेंगे.
39 नए मरीज अस्पताल में भर्ती
बता दें कि मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में चमकी बुखार से अब तक 157 बच्चों की मौत हो गई है. वहीं सरकारी आंकड़े के अनुसार 437 बच्चे भर्ती हुए हैं. जिनमें 106 की मृत्यु हुई है. इस बीमारी से पीड़ित 39 नए मरीजों को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा सीतामढ़ी में 17 बच्चे, पूर्वी चंपारण में 45, वैशाली में 11, पश्चिमी चंपारण में तीन, समस्तीपुर में छह, बेगूसराय में एक, सुपौल में एक और नेपाल में एक बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए हैं.