पटनाः बिहार के पटना में नई शिक्षक नियमावली (Bihar Shikshak Niyamawali 2023) को लेकर शिक्षक अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया. नई नियमावली को लेकर शिक्षक और शिक्षक अभ्यर्थी दोनों को आपत्ति है कि दोबारा परीक्षा सरकार क्यों ले रही है. इसी कड़ी में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मांग को लेकर सीटेट और बीटेट पास शिक्षक अभ्यर्थी रविवार को घेरा डालो डेरा डालो अभियान शुरू किया. यह अभियान गर्दनीबाग धरना स्थल से शुरू हुआ. इस संबंध में बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने जानकारी दी. बताया कि विगत 4 वर्षों से तमाम जरूरी योग्यता के बावजूद शिक्षक अभ्यर्थी सड़क पर हैं. इस नई नियमावली के बहाने सरकार शिक्षकों की बहाली को और लटकाना चाह रही है.
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"चाहे मुख्यमंत्री हो या शिक्षा मंत्री हो या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सभी गांधी मैदान के बड़े मंच से कह रहे थे कि बाबू तुम लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. बेरोजगार अभ्यर्थियों की चिंता सरकार कर रही है फिर इस प्रकार की नियमावली लाकर अहर्ता रखने वाले बेरोजगार शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ ही इस प्रकार का मजाक क्यों किया जा रहा है. बीपीएससी और बीएसएससी के बारे में बिहार में किसी से छिपा नहीं हुआ है कि एक भी परीक्षा ट्रांसपैरेंसी से नहीं करा पाते हैं और परीक्षा में क्वेश्चन लीक होना आम है"- अनामिका सिंह, शिक्षक अभ्यर्थी
सरकार लंबे अरसे नौकरी का इंतजारः बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि 4 सालों से सीटेट, बीटेट और एसटीईटी परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद शिक्षक अभ्यर्थी बहाली का इंतजार कर रहे हैं. इस संबंध में कई बार अभ्यर्थियों ने आंदोलन भी किया है. सरकार लंबे अरसे से कह रही थी कि जल्द ही शिक्षक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा, लेकिन अब नई नियमावली के तहत शिक्षक अभ्यर्थियों को बिहार में शिक्षक बनने के लिए अब एक बार फिर से परीक्षा देनी पड़ेगी. इसका तमाम शिक्षक अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं और अभ्यर्थियों को ऐसा लग रहा है कि सरकार की मंशा शिक्षक बहाली करने की नहीं है.
घेरा डालो डेरा डालो आंदोलनः दीपांकर गौरव ने बताया कि नई नियमावली में बदलाव कर शिक्षक अभ्यर्थियों को सीधे नियुक्ति पत्र बांटने की मांग को लेकर रविवार को तमाम शिक्षक अभ्यर्थी घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन शुरू किए हैं. जब तक उन लोगों की मांगे पूरी नहीं होती है तब तक तमाम शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे और वहीं पर डेरा डालेंगे. तमाम शिक्षक अभ्यर्थियों का संगठन भाकपा माले विधायक संदीप सौरव से मिलने शनिवार को पहुंचा, जहां भाकपा माले की ओर से उनकी मांगों का समर्थन करते हुए कहा गया है कि पार्टी के सभी 12 विधायक शिक्षक अभ्यर्थियों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौपेंगे.
"नई नियमावली जारी कर शिक्षक के साथ शिक्षकों को गुमराह किया जा रहा है. इसी को देखते हुए सीटेट और बीटेट पास शिक्षक अभ्यर्थियों ने घेरा डालो डेरा दालो डालो अभियान शुरू किए हैं. जब तक सरकार मांग को पूरी नहीं करती है तब तक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे." -दीपांकर गौरव, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ
परीक्षा का अड़ंगा लगाया गयाः महिला शिक्षक अभ्यर्थी अनामिका सिंह ने कहा कि " मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 1 साल पहले से उन लोगों को जॉइनिंग लेटर देने की बात कह रहे थे और जब जॉइनिंग लेटर देने का समय आया तो परीक्षा का अड़ंगा लगा दिए." उन्होंने कहा कि उन लोगों की मांग है कि इस नियमावली को संशोधित करते हुए उन लोगों को जॉइनिंग लेटर देने का सरकार काम करे. परीक्षा का अड़ंगा लगाकर शिक्षक बहाली को लोकसभा और विधानसभा चुनाव तक ले जाने की कोशिश ना करें, क्योंकि बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी का दंश बुरी तरह तोड़ रहा है.
4 साल बर्बाद कर चुकी है सरकारः अनामिका सिंह ने कहा कि "चाहे मुख्यमंत्री हो या शिक्षा मंत्री हो या उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सभी गांधी मैदान के बड़े मंच से कह रहे थे कि बाबू तुम लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. बेरोजगार अभ्यर्थियों की चिंता सरकार कर रही है, फिर इस प्रकार की नियमावली लाकर अहर्ता रखने वाले बेरोजगार शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ ही इस प्रकार का मजाक क्यों किया जा रहा है." सरकार पहले उन लोगों को नियोजित करें उसके बाद जो उन लोगों की क्वालिटी टेस्ट करनी है. विद्यालय स्तर और विभाग स्तर पर करें, इसमें उन लोगों को कोई आपत्ति नहीं है. सरकार उन लोगों का 4 साल बर्बाद कर चुकी है और अब 2 साल और नहीं बर्बाद होने दिया जाएगा.
तेजस्वी यादव 9वीं फेलः अनामिका ने कहा कि सरकार को जब परीक्षा ही लेना था तो सचिवालय की ओर से क्यों आदेश के नाम पर लव लेटर जारी किया गया कि 26 जुलाई 2022 से सातवें चरण की बहाली शुरू कर दी जाएगी. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तो उन्हें शिक्षक अभ्यर्थियों का दुख दर्द दिखता था और कहते थे कि सरकार में आते ही उन लोगों को नियुक्ति पत्र थमाएंगे. सरकार में आने के बाद क्वालिटी टेस्ट करने का निर्णय ले रहे हैं. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछना चाहती हूं कि आप 9वीं फेल हैं और उप मुख्यमंत्री के पद पर हैं, मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. हमारी इच्छा है कि आप मुख्यमंत्री बने लेकिन आप अपनी क्वालिटी को इंप्रूव करने के लिए क्या दसवीं भी पास किजिएगा.
बेरोजगार युवाओं का मजाकः शिक्षक अभ्यर्थी विकास कुमार ने कहा कि "सरकार के नेता, मंत्री, विधायक कह रहे हैं कि अभ्यर्थी परीक्षा देने से डर रहे हैं. हमलोग कोई परीक्षा देने से नहीं डरते हैं. अभ्यर्थी इनके सिस्टम से डर रहे हैं, क्योंकि जब परीक्षा ली जाएगी तो पेपर लीक की समस्या आएगी. एक बार पेपर लीक हुई तो बहाली फिर से अगले 2 साल के लिए टल जाएगी. जब नियुक्ति पत्र थम आने का समय आया दोबारा परीक्षा लेने का नियम लगाकर बेरोजगार युवाओं का सरकार मजाक बना रही है."