पटनाः बीएसएससी परीक्षा (Bihar SSC exam 2022) में प्रश्न पत्र लीक मामले में आयोग ने पहली शिफ्ट की परीक्षा को रद्द कर दिया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि तीनों शिफ्ट में प्रश्न पत्र वायरल हुआ था. इसलिए सभी पाली की परीक्षा रद्द होनी चाहिए. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब प्रश्न पत्र परीक्षा हॉल के बाहर नहीं जा सकता तो उसकी तस्वीर कैसे सोशल मीडिया पर है. ऐसे में कहीं ना कहीं परीक्षा में धांधली हुई है. इसी को देखते हुए छात्र नेता दिलीप कुमार ने तीनों शिफ्ट की परीक्षा को रद्द करने की मांग की है.
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हजारों की तादाद में पहुंचेंगे छात्रः छात्र नेता दिलीप कुमार की अगुवाई में बुधवार को हजारों की तादाद में छात्र पटना में जुटेंगे. पटना कॉलेज गेट पर एकजुट होकर बेली रोड से होते हुए पैदल मार्च निकाल बीएसएससी कार्यालय तक जाएंगे. तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करने की मांग करेंगे. छात्र नेता दिलीप ने बताया कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करने की छात्रों की मांग है. सभी छात्रों से निवेदन है कि जो भी आंदोलन के लिए पहुंचेंगे वे तीनों शिफ्ट के वायरल प्रश्न पत्र की फोटो कॉपी करा कर अपने साथ रखें ताकि मीडिया के सामने साझा किया जा सके.
अभिभावकों का भी समर्थनः इस आंदोलन में हजारों की तादाद में बीएसएससी अभ्यर्थी शामिल होंगे. अभिभावकों का भी इसमें समर्थन है. इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों के कंपटीशन की तैयारी कराने वाले शिक्षकों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है. हजारों की तादाद में अभ्यर्थियों ने बीएसएससी को दूसरे और तीसरे शिफ्ट के वायरल क्वेश्चन पेपर को मेल कर दिया है. छात्रों का मांग है कि पुनः परीक्षा आयोजित की जाए. ओएमआर शीट का कार्बन कॉपी व प्रश्न पत्र भी ले जाने की अनुमति दी जाए.
पैदल मार्च निकालेंगेः बुधवार सुबह 10:30 बजे से पटना कॉलेज गेट पर अभ्यर्थियों का जुटान होगा. 1:00 से शांतिपूर्ण तरीके से यह मार्च निकलेगा. अपनी मांगों को मनवाने के लिए पूरे बेली रोड से पैदल मार्च बीएसएससी कार्यालय तक पहुंचेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध किया जाएगा कि तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द की जाए. यह साल 2017 की पूर्णावृत्ति है. साल 2017 में बीएसएससी कि मेंस परीक्षा में आयोग नहीं मान रहा था. जब जांच बैठी तो इसकी पुष्टि हुई और तत्कालीन अध्यक्ष सहित कई लोग इसमें दोषी पाए गए.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करेंगे कि छात्रों के हित में फैसला लेते हुए तीनों शिफ्ट की परीक्षा रद्द करते हुए पारदर्शी तरीके से पुनः परीक्षा आयोजित करें. यह परीक्षा 8 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद आयोजित की गई है ऐसे में मेधावी छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. पढ़े-लिखे नौजवानों की मेधा का सरकार ध्यान रखते हुए उनके हित में निर्णय लें." - दिलीप कुमार, छात्र नेता